एक्सप्लोरर

अखिलेश के नए प्रयोग से समाजवादी पार्टी के सवर्ण नेताओं में छटपटाहट क्यों है?

समाजवादी पार्टी के भीतर 85 वर्सेज 15 की बात फिर से शुरू हो गई है. यह मांग राम मनोहर लोहिया काल से ही चली आ रहा है, लेकिन मुलायम ने अपनी राजनीति में सबको साधकर रखा.

लोकदल में विभाजन के बाद मुलायम सिंह ने 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया था. मुसलमान, यादव और अन्य पिछड़ा जातियों को आधार बनाकर राजनीति करने वाले मुलायम सबको साथ लेकर चलते थे. उनके वक्त में यादव और मुसलमान जहां संगठन और सरकार में हावी रहते थे, वहीं सवर्ण नेताओं की भी तूती बोलती थी. 

अखिलेश के नए प्रयोग से समाजवादी पार्टी के सवर्ण नेताओं में छटपटाहट क्यों है?(Source- Samajwadi Party)

मुलायम ने जब सपा का गठन किया तो उस वक्त उनकी टीम में जनेश्वर मिश्रा, रेवती रमन सिंह, किरणमय नंदा, मोहन सिंह और बृजभूषण तिवारी जैसे कद्दावर सवर्ण नेता थे. बाद में अमर सिंह और माता प्रसाद पांडेय जैसे अगड़ी जाति के नेता भी सपा में काफी मजबूत हुए. 

सपा में रहते जनेश्वर मिश्र केंद्र में मंत्री बने. बृजभूषण तिवारी और किरणमय नंदा सपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद तक पहुंचे. रेवती रमण सिंह और मोहन यादव मुलायम के दौर में राष्ट्रीय महासचिव हुआ करते थे. अखिलेश यादव की सरकार में माता प्रसाद पांडेय विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए और अमर सिंह को पार्टी का संचालक माना जाता था. 


अखिलेश के नए प्रयोग से समाजवादी पार्टी के सवर्ण नेताओं में छटपटाहट क्यों है?(Source- Social Media)

अखिलेश की नई रणनीति क्या है?
मिशन 2024 में जुटे अखिलेश यादव एक फिर नई रणनीतिक प्रयोग कर रहे हैं. सपा प्रमुख ओबीसी, दलित और मुस्लिम का गठजोड़ बनाकर बीजेपी के रथ रोकने की तैयारी में हैं. इस संदर्भ में हाल ही में अखिलेश यादव ने 3 बड़े फैसले किए हैं.

1. सपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी- समाजवादी पार्टी ने हाल ही में नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है. कार्यकारिणी में 15 महासचिवों को नियुक्त किया गया है, जिसमें एक भी सवर्ण नेता नही हैं. कार्यकारिणी के टॉप-19 में एक उपाध्यक्ष का पद सवर्ण समुदाय से आने वाले किरणमय नंदा को मिला है.

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कुल 64 चेहरों में 11 यादव, 8 मुस्लिम, 5 कुर्मी, 7 दलित, चार ब्राह्मण और 16 अति पिछड़े वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है. 

2. मानस विवाद पर स्वामी का बचाव- रामचरित मानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया तो शुरू में सपा बैकफुट पर चली गई, लेकिन अखिलेश स्वामी के बचाव में उतर आए. अखिलेश ने कहा कि रामचरित मानस की चौपाई गलत है और मुख्यमंत्री को खुद इसके बारे में पढ़ना चाहिए. 

अखिलेश ने इसके कुछ दिन बाद सपा की कार्यकारिणी की घोषणा की और इसमें स्वामी को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया. 

3. शुद्र पॉलिटिक्स का एजेंडा सेट- रामचरित मानस को लेकर जब विवाद भड़का तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पीतांबरी देवी मंदिर के बाहर अखिलेश को काला झंडा दिखाया. अखिलेश ने इसे तुरंत मुद्दा बनाया.

पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने पूछा कि बताइए मुझे मंदिर क्यों नहीं जाने दिया गया? क्या मैं शूद्र हूं? दरअसल, शूद्र पॉलिटिक्स के जरिए अखिलेश की नजर उन 10 फीसदी दलित वोटरों पर है, जो 2022 में बीएसपी से शिफ्ट होकर बीजेपी में चला गया. 

संगठन के भीतर उबाल
अखिलेश यादव के नई रणनीति के बीच पार्टी के भीतर सियासी उबाल उफान पर है. कार्यकारिणी गठन के बाद पूर्वांचल के कद्दावर नेता ओम प्रकाश सिंह का एक ट्वीट वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने एक शेर के जरिए नाराजगी जाहिर की थी. 

ओम प्रकाश सिंह ने लिखा था- 'ये अलग बात है, मैंने कभी जताया नहीं. मगर तू यह न समझ, तूने दिल दुखाया नहीं.' हालांकि, शेर वायरल होने के कुछ देर बात ही सिंह ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया. 

प्रयागराज की तेजतर्रार नेता रिचा सिंह भी सोशल मीडिया पर पार्टी के बड़े नेताओं को खिलाफ मोर्चा खोल रखी है. रिचा स्वामी प्रसाद और दलित नेता इंद्रजीत सरोज पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगा चुकी हैं. 

सपा में सवर्ण नेताओं की मुखरता को पार्टी के भीतर सियासी उबाल के तौर पर ही देखा जा रहा है.

2022 का प्रयोग फेल, तब अखिलेश ने कतरा पर
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवाद पार्टी ने 79 सवर्णों को टिकट दिया था. बीजेपी (173) और बीएसपी (110) के मुकाबले यह आंकड़ा कम था. 79 टिकट देने के बावजूद सपा से सिर्फ 10 सवर्ण नेता ही जीत पाए. 

सपा टिकट पर 5 ब्राह्मण, 4 राजपूत और 1 भूमिहार समुदाय से आने वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. पवन पांडे, विनय शंकर तिवारी और पूजा शुक्ला जैसे सवर्ण नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. 

वहीं दूसरी ओर पश्चिम यूपी और बुंदेलखंड में दलित और गैर-ओबीसी वोटर्स बीजेपी में चले गए. इसलिए अखिलेश इस बार रणनीति में बदलाव कर रहे हैं. 

संकट में आगे की राह
पिछड़ा और सवर्ण की राजनीति में जिस तरह सपा का स्टैंड है. ऐसे में पार्टी के भीतर सवर्ण नेताओं को भविष्य की चिंता भी सताने लगी है. 2019 लोकसभा में सपा ने 37 में से करीब 5 सीटों पर सवर्ण समुदाय से आने वाले लोगों को टिकट दिया था. हालांकि, सभी की हार हुई. 

इस बार भी पार्टी के भीतर कई दावेदार लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में उनके सामने 2 महत्वपूर्ण सवाल है.

1. सपा लोकसभा में कितने सीटों पर सवर्ण उम्मीदवारों को टिकट देगी? 
2. अखिलेश की इस रणनीति से नाराज सवर्ण पार्टी को वोट देंगे?

इस दोनों सवालों का फैसला तो 2024 में होना है, लेकिन पार्टी के भीतर सवर्ण नेताओं की छटपटाहट है कि अपने भविष्य की चिंता सता रही है. 

और देखें
Advertisement
IOI
Don't Miss Out
00
Hours
00
Minutes
00
Seconds
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
दिल्ली CM की रेस में शामिल हुए रविंद्र इंद्राज सिंह और कैलाश गंगवाल समेत ये बड़े नेता, BJP में क्या चल रही चर्चा
दिल्ली CM की रेस में रविंद्र इंद्राज-कैलाश गंगवाल समेत ये बड़े नेता, BJP में क्या चल रही चर्चा?
Sheikh Hasina Exile Survey: शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजना चाहिए, इतने % भारतीयों ने सर्वे में जो कहा वो चौंकाने वाला
शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजना चाहिए, इतने % भारतीयों ने सर्वे में जो कहा वो चौंकाने वाला
Champions Trophy 2025: क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Delhi CM Announcement : यमुनाजी के अच्छे दिन आ गए! । BJP New CM । Kejriwal । AAPMahadangal: शपथ का प्लान तैयार...नाम का इंतजार! | Chitra Tripathi | ABP News | Delhi New CMरेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगने वाले लोग बड़े 'भोले' हैं, अगर PM नेहरू होते तो...Chhaava में क्या फेल हो गया AR Rahman का magic? Vicky Rashmika पर क्यों चल रहा Maahi

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
पाकिस्तान के हाथ लगा जैकपॉट! 800 अरब रुपये का सोना पाने के लिए मची होड़, कैसे मालामाल हो रहे लोग?
दिल्ली CM की रेस में शामिल हुए रविंद्र इंद्राज सिंह और कैलाश गंगवाल समेत ये बड़े नेता, BJP में क्या चल रही चर्चा
दिल्ली CM की रेस में रविंद्र इंद्राज-कैलाश गंगवाल समेत ये बड़े नेता, BJP में क्या चल रही चर्चा?
Sheikh Hasina Exile Survey: शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजना चाहिए, इतने % भारतीयों ने सर्वे में जो कहा वो चौंकाने वाला
शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेजना चाहिए, इतने % भारतीयों ने सर्वे में जो कहा वो चौंकाने वाला
Champions Trophy 2025: क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
क्या बांग्लादेश के खिलाफ खेल पाएंगे ऋषभ पंत? इंजरी पर आया बड़ा अपडेट?
बैकलेस हॉल्टर नेक ड्रेस, कातिल अदाएं, पाकिस्तान की इस पॉपुलर एक्ट्रेस ने ग्लैमरस लुक में ढाया कहर
बैकलेस हॉल्टर नेक ड्रेस, कातिल अदाएं, पाकिस्तान की इस पॉपुलर एक्ट्रेस ने ग्लैमरस लुक में ढाया कहर
ये है भारत की सबसे छोटी ट्रेन, इसमें लगते हैं सिर्फ तीन कोच
ये है भारत की सबसे छोटी ट्रेन, इसमें लगते हैं सिर्फ तीन कोच
OpenAI पर लगे बड़े आरोप, भारत में बढ़ सकती है मुश्किल, दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस भेजकर मांग लिया जवाब
OpenAI पर लगे बड़े आरोप, भारत में बढ़ सकती है मुश्किल, दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस भेजकर मांग लिया जवाब
छिलके के साथ या बिना छिलके..जानें मूंगफली खाने का क्या है सबसे अच्छा तरीका
छिलके के साथ या बिना छिलके..जानें मूंगफली खाने का क्या है सबसे अच्छा तरीका
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.