Bihar Caste Survey Report Result: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार (2 अक्टूबर) को बिहार सरकार द्वारा जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए जाने का स्वागत किया. उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए.
सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया ''बिहार जाति आधारित जनगणना प्रकाशित, ये है सामाजिक न्याय का गणितीय आधार.'' इसी पोस्ट में यादव ने कहा, ''जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं, बल्कि सबके हक के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी. जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं.''
अखिलेश यादव ने कर दी ये मांग
अखिलेश यादव ने मांग की, ''बीजेपी सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए.'' यादव ने कहा, ''जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं, तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफी के खिलाफ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक्की के रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी दूर करते हैं, नये रास्ते बनाते हैं और सत्ताओं और समाज के परम्परागत ताकतवर लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय का खात्मा भी करते हैं.''
जातीय गणना पर बोले सपा अध्यक्ष
सपा अध्यक्ष ने कहा, ''इससे समाज बराबरी के मार्ग पर चलता है और समेकित रूप से देश का विकास होता है. जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है. अब ये निश्चित हो गया है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा."
बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं. बिहार राज्य के विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिनमें 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है. इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं.
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