UP Politics: पश्चिम बंगाल में आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर 'खालिस्तानी' कहे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सियासी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हैं. ड्यूटी में तैनात अधिकारी को खालिस्तानी कहे जाने का आरोप बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगा है. बता दें कि उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली सुर्खियों में है. महिला यौन हिंसा मामले के खिलाफ विपक्षी दल बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. आज (मंगलवार) बीजेपी कार्यकर्ता और नेता सड़कों पर उतरे हुए थे.
पुलिस प्रशासनिक बिरादरी में आक्रोश- अखिलेश यादव
आईपीएस जसप्रीत सिंह को संदेशखाली में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था. वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली में एंट्री करने से रोके जाने पर आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर 'खालिस्तानी' कह दिया. खालिस्तानी कहे जाने पर आईपीएस अधिकारी भड़क गए. उन्होंने गुस्से में बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुकदमा ठोकने की बात कही.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरा है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेवा की पुलिस प्रशासनिक बिरादरी में रोष आक्रोश फैल गया है. सपा प्रमुख ने कहा कि हार के डर से बीजेपी का स्तर गिर गया है. बीजेपी देश के अधिकारियों पर निराधार आरोप लगाकर मनोबल गिराना चाहती है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आगे लिखा कि हारती हुई बीजेपी की हताशा ऐसे काम करा रही है.
आईपीएस अधिकारी को 'खालिस्तानी' कहने का मामला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो क्लिप साझा किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने सभी संवैधानिक सीमाएं लांघ दी हैं. बीजेपी के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है. आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह बीजेपी समर्थकों से कहते हुए सुने गए, ‘‘सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? पुलिस अधिकारी पगड़ी में कर्तव्य ईमानदारी से निभाता है, तो आपके लिए खालिस्तानी बन जाता है? आपको शर्म आनी चाहिए.’’ अखिलेश यादव ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली पर भी बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की चोरी रंगे हाथ पकड़ी गई. इसलिए बीजेपी पर अब कोई विश्वास नहीं करेगा.