Mission 2024: केंद्र सरकार को उखाड़ने के लिए विपक्षी खेमे में ज्यादा से ज्यादा दलों को जोड़ने की कवायद जारी है. उत्तर प्रदेश की सियासत में बसपा प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati) दलितों का अहम चेहरा हैं. इंडिया गठबंधन में शामिल होने से मायावती अभी तक दूरी बनाए हुई हैं. समाजवादी पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) बसपा के साथ गठबंधन में लड़ा था. मायावती की पार्टी को 10 लोकसभा सीटों पर जीत मिली. सपा पांच सीटों से आगे नहीं बढ़ सकी. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सपा के साथ गठबंधन का मायावती को भरपूर फायदा मिला.


क्या लोकसभा चुनाव में साथ आएंगे बुआ-बबुआ?


बसपा से सपा को मिले फायदे के सवाल पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद बीजेपी ने चुनाव लड़ने का तरीका बदल दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन धर्म का सपा ने पालन किया. सहयोगी पार्टी को मनपसंद और ज्यादा से ज्यादा सीट दी. अब सपा एक बार फिर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में शामिल हुई. इसलिए उन्होंने अन्य दलों को भी गठबंधन का हिस्सा बनने की अपील की. अखिलेश यादव का संकेत मायावती की तरफ था. उन्होंने बसपा प्रमुख का नाम नहीं लिया. लेकिन इंडिया गठबंधन में और दलों का दरवाजा खुला रहने के संकेत दिए.


सवाल पर क्या बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव?


बता दें कि सत्तारूढ़ दल भी एनडीए गठबंधन के नाम से चुनावी मैदान में उतरने जा रहा है. बसपा प्रमुख मायावती एनडीए खेमे में भी शामिल नहीं हैं. उत्तर प्रदेश से बीजेपी अगुवाई वाले एनडीए ने 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. पिछले लोकसभा में बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा-बसपा गठबंधन को मात्र 15 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. सपा को 5 सीटें मिलने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हर गठबंधन से सीख मिली है.


उन्होंने दावा किया कि सपा का वोट कम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि गठबंधन से बीजेपी को हराने की सीख मिली है. मावायती के साथ गठबंधन करने पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए लोगों को लालच दिया गया. सपा बीजेपी के प्रबंधन से हारी है, जनता ने नहीं हराया. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी आखिरी दौर में खेला कर जाती है. अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इंडिया गठबंधन पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी छोटे दलों के सामने झुकने को मजबूर है. 


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