(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Modi Surname Case: राहुल गांधी की सजा पर रोक को लेकर अखिलेश यादव की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या दावा किया?
Rahul Gandhi News: अखिलेश यादव ने कहा कि ''माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है.''
Akhilesh Yadav on Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए 'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी. इस सजा के कारण उन्हें अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल जज द्वारा मामले में अधिकतम दो साल की सजा देने के आदेश पर भी सवाल उठाया. इसे लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है.
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, ''माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी जी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है. भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए.''
जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ''अगर कोई निर्वाचन क्षेत्र बिना प्रतिनिधित्व का हो जाता है, तो क्या यह (सजा निलंबित करने के लिए) एक प्रासंगिक आधार नहीं है? ट्रायल जज द्वारा अधिकतम सज़ा देने की आवश्यकता पर किसी ने कुछ नहीं कहा. इससे न केवल एक व्यक्ति का अधिकार प्रभावित हो रहा है, बल्कि निर्वाचन क्षेत्र के पूरे मतदाता प्रभावित हो रहे हैं.''
इसके अलावा, पीठ ने टिप्पणी की कि अगर राहुल गांधी को 1 साल, 11 महीने और 29 दिन की सजा दी गई होती, तो उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य नहीं ठहराया जाता. गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्रायल कोर्ट के दोषसिद्धि को 'अजीब' फैसला बताया और सुप्रीम कोर्ट के कई अन्य फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि मामले में गांधी की दोषसिद्धि को निलंबित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ''पीड़ित केवल भाजपा पदाधिकारी या कार्यकर्ता ही है.''
दूसरी ओर, मानहानि मामले में शिकायतकर्ता भाजपा विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि राहुल गांधी का इरादा 'मोदी' उपनाम वाले प्रत्येक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए बदनाम करना था क्योंकि यह प्रधानमंत्री के उपनाम के समान है.