UP News: पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अखिलेश यादव, बोले- सब सूना लगा उनके बिना
Parkash Singh Badal Tributes: पंजाब के 5 बार CM रहे प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल को निधन हो गया था. उनके निधन पर भी अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त किया था, लेकिन वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे.
Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) के पैतृक गांव मुक्तसर साहिब (Muktsar Sahib) पहुंचे. यहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बादल साहब के गांव बादल में सब सूना लगा उनके बिना.
गौरतलब है कि कि पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. उनके निधन के बाद भी अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त किया था, लेकिन वे अंतिम क्रिया में शामिल नहीं हुए थे. लिहाजा, अब उन्होंने उनके गांव पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री बादल को श्रद्धांजलि अर्पित की है.
गांव में हुआ था अंतिम संस्कार
दरअसल, उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ से पंजाब के मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादल ले जाया गया था. यहां पर गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया. पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनके बेटे सुखबीर बादल ने उन्हें मुखाग्नि दी . आपको बता दें कि गांव के श्मशान घाट में जगह कम होने की वजह से उनके ही किन्नुओं के बाग वाले खेत में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था.
पंजाब के 5 बार CM रहे थे बादल
प्रकाश सिंह बादल की राजनीति पंजाब तक ही सीमित थी, लेकिन अपनी सूझबूझ की वजह से उन्होंने देश की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई थी. वह पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने. इसके साथ ही उनकी पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान अहम सहयोगी रही. इससे पहले वर्ष 1996 से 1999 के दौरान BJP को अछूत मानने वाले तमाम क्षेत्रीय दलों को NDA के बैनर तले लाने में भी सबसे अहम रोल बादल ने ही निभाई थी. हालांकि, इस वक्त उनकी पार्टी केंद्र की मोदी सरकार से नाता तोड़कर बसपा के साथ चुनावी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई है.
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