Lucknow News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश को राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार की 'ढीली पैरवी' का नतीजा करार दिया. अखिलेश ने बुधवार को इस मामले को लेकर कई ट्वीट किये और सरकार को घेरने की कोशिश की.


अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा है, ''69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है. भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है. जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके.''


पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''ये है भाजपा सरकार में दलित-पिछड़ों के साथ हुए दुर्व्यवहार की दुखद गाथा. क्या यही 'आज़ादी का अमृतकाल' हैं जहां सहायक शिक्षिकाएं अपनी रोज़ी-रोटी की रक्षा के लिए सड़कों पर बिलख रही हैं. क्या ऐसे ही भारत बनेगा विश्वगुरु? अबकी बार, 69,000 लाएंगे बदलाव.'' उन्होंने आगे लिखा है, ''जहां अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करने का भी हक़ न हो उस लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सबको आगे आना होगा. अब दलित-पिछड़े युवा आरक्षण को लेकर भाजपा की सोच और साज़िश दोनों को समझ गये हैं. भाजपा याद रखे युवा में युग बदलने की शक्ति होती है.''



गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गत 13 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को झटका देते हुए सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत राज्य में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी सूची की समीक्षा करके तीन महीने के अंदर उचित तरीके से आरक्षण तय करने के निर्देश दिए थे.


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