Samajwadi Party National Executive Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 को धार देने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार 17 मार्च को कोलकाता पहुंच गए हैं. समाजवादी पार्टी की ओर से 18, 19 मार्च को कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सपा अध्यक्ष शामिल होंगे. माना जा रहा है इस बैठक में सपा, बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता और लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करेंगे. इस दौरान वो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे.


अखिलेश यादव के तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने और सपा की नई राष्ट्रीय टीम के एलान के बाद ये बैठक हो रही है. माना जा रहा है कि सपा की मिशन 2024 की शुरुआत यही से होगी. बैठक में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा अखिलेश गठबंधन को लेकर भी संभावनाएं तलाशने पर चर्चा कर सकते हैं. अखिलेश यादव आज दोपहर में सपा कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात करेंगे. खबरों की माने तो इसके बाद वो सीएम ममता बनर्जी से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर बातचीत हो सकती है.


ममता बनर्जी से हो सकती है मुलाकात


दरअसल, समाजवादी पार्टी की कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है, उसके पीछे कहीं न कहीं अखिलेश यादव की मंशा यह भी हो सकती है कि कैसे थर्ड फ्रंट यानी ममता बनर्जी को भी शामिल कराया जाए. हाल ही में टीएमसी ने एलान किया है कि वह किसी भी गठबंधन के बिना अकेले 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी. अखिलेश यादव ममता बनर्जी के बेहद करीबी हैं और वो उनका बेहद सम्मान भी करते हैं, इसलिए माना जा रहा है कि तीसरे मोर्चे में शामिल अन्य नेताओं ने शायद उन्हें साथ लाने की जिम्मेदारी अखिलेश यादव को ही सौंपी है.


अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के बीच मुलाकात में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव किरणमय नंदा की भी भूमिका बताई जा रही है, वो नेता जी के भी बेहद करीबी रहे और ममता बनर्जी के भी खासम खास हैं.


लोकसभा चुनाव 2024 पर सपा की नजर


समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश के अलग-अलग राज्यों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल होंगे. बैठक में पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हो सकती है. वहीं सपा जिस तरह से जातीय जनगणना के मुद्दे को उठा रही है, कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इसे लेकर भी कोई प्रस्ताव पास किया जा सकता है. साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी में इस बार अति पिछड़ा को ज्यादातर तरजीह भी मिल सकती है.


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