Rahul Gandhi Membership: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उन्हें बधाई दी है. अखिलेश ने राहुल के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी शुभकामना दी है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पत्रकारों से वार्ता के दौरान यूपी के पूर्व सीएम ने कहा- जहां तक कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी का सवाल है तो मैं उन्हें सदस्यता बहाल होने पर बधाई देना चाहता हूं. मैं सुप्रीम कोर्ट को भी बधाई देता हूं. इस फैसले के बाद लोकतंत्र और न्यायालय पर विश्वास बढ़ा है.
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए जाते वक्त संवाददाताओं से बातचीत में अखिलेश ने राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने से जुड़े सवाल पर कहा, “सबसे पहले तो उच्चतम न्यायालय को बधाई. उसके इस निर्णय से लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा बढ़ा है. भाजपा का काम करने का तरीका यह है कि वह लोगों की सदस्यता छीन लेना चाहती है.”
रामशंकर कठेरिया पर अखिलेश ने किया इशारा
सपा प्रमुख ने कहा, “हमें उम्मीद है कि औरों की सदस्यता भी बहाल होगी. आजम खां, उनके बेटे और बहुत सारे लोगों की सदस्यता छीनी गई है.” पूर्व मुख्यमंत्री ने इटावा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रामशंकर कठेरिया की तरफ इशारा करते हुए कहा, “देखते हैं कि औरों की सदस्यता छीनी जाती है या नहीं.”
कठेरिया को सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई है. उन पर 2011 में बिजली आपूर्ति कंपनी के एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने का आरोप था.
इसके साथ ही मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि "मैं राहुल गांधी को बधाई देती हूं और बहाली में देरी न करने के लिए स्पीकर को धन्यवाद देती हूं."
लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
दीगर है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई. इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की.
सचिवालय ने अधिसूचना में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चार अगस्त के फैसले के मद्देनजर गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी.
न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चार अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी.