UP Politics: जातीय गणना को लेकर पटना HC के आदेश पर अखिलेश यादव की पहली प्रतिक्रिया, किया ये बड़ा दावा
Akhilesh Yadav News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा आने वाले समय में जातीय गणना से सामाजिक न्याय का रास्ता खुलेगा.
Akhilesh Yadav on Caste Census: पटना हाईकोर्ट ने बिहार में हो रही जातीय गणना पर लगी रोक को हटा दिया है, जिसके बाद अब बिहार में जातीय गणना का रास्ता साफ हो गया है. इस आदेश को लेकर अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा अध्यक्ष ने हाईकोर्ट (High Court) के आदेश को सामाजिक न्याय की जीत बताया और कहा कि आने वाले समय में जातीय गणना से सामाजिक न्याय का रास्ता खुलेगा.
समाजवादी पार्टी लगातार जातीय गणना की बात करती रही है. सपा ने इसे आगामी लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की भी तैयारी की है. वहीं बिहार में हो रही जातीय गणना की वैधता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसे लेकर अखिलेश यादव काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. सपा अध्यक्ष ने कोर्ट के फैसले को स्वागत करते हुए कहा कि ‘जातिगत सर्वेक्षण’ पर रोक हटना सामाजिक न्याय की जीत है.. ‘जातीय गणना’ ही सामाजिक न्याय का सच्चा रास्ता साबित होगी"
अखिलेश यादव ने किया बड़ा दावा
अखिलेश यादव ने इस ट्वीट के साथ एक बार फिर विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' की जीत को लेकर हुंकार भरी और कहा कि उनका 'पीडीए' यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फॉर्मूला 'एनडीए' को लोकसभा चुनाव में हराएगा.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही जातीय गणना का समर्थन कर चुके हैं. उनका कहना है कि हम समाजवादी और ज्यादातर लोग जातीय गणना चाहते हैं. सामाजिक न्याय का रास्ता जातीय गणना के बिना पूरा नहीं होगा. इससे समाज और लोकतंत्र मजबूत होगा. अखिलेश यादव के मुताबिक इससे ये जानना आसान हो जाएगा कि कौन कितना पीछे हैं और किसे कितनी मदद की जरुरत है.
पटना हाईकोर्ट ने हटाई रोक
दरअसल बिहार में जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने रोक को हटाते हुए राज्य में जाति आधारित गणना की वैधता को चुनौती देने वाली सभी छह याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार के पास ये अधिकार है कि वो सरकारी योजनाएं तैयार करने के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में रखकर उनकी गणना करवा सकती है. इससे उनकी जाति की पहचान हो सकेगा और जातिगत पहचान पर आधारित वर्ग या समूह, जो पिछड़े हैं उनकी गणना करने से भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ देना आसान होगा.
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