Akhilesh Yadav News: उत्तर प्रदेश में नेजा मेले को लेकर छिड़े विवादे के बीच सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सैयद सलार मसूद गाजी को सूफी संत बताया है. उनके इस बयान पर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जैसा चाह रही है वैसा हो रहा है. प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है. ध्रुवीकरण के मुद्दे असली मुद्दों पर पर्दा डालने के लिए उठाए जा रहे हैं. 


अखिलेश यादव ने संभल में नेजा मेले पर रोक और सपा सांसद के बयान पर  जवाब देते हुए कहा कि "हम इतिहास में ना जाएं तो अच्छा है. सरकार जैसा चाह रही है वैसा हो रहा है. बरेली में डीएसपी का घर जला दिया गया, शाहजहांपुर में भगदड़ के बाद पुलिस को पीटा गया लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई. सीतापुर में पत्रकार की हत्या हुई. जब से बीजेपी सरकार बनी है तब से महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ़ गई हैं. लेकिन कोई बात नहीं हो रही है. ध्रुवीकरण के मुद्दे असली मुद्दों पर पर्दा डालने के लिए उठाए जा रहे हैं."


दरअसल यूपी के संभल में एएसपी श्रीश चंद्र ने हर साल लगने वाले नेजा मेला पर रोक लगा दी है. एएसपी ने कहा कि गाजी आक्रांता था और उसकी याद में हर साल लगने वाले इस मेले को इजाजत नहीं दी जा सकती है. प्रशासन ने इस मेले पर रोक लगा दी है. 



सपा सांसद ने बताया महान सूफी
नेजा मेले पर रोक लगने पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बयान दिया है. उन्होंने सैयद सलार मसूद गाजी को महान सूफी बताया और कहा कि उन्हें सोमनाथ मंदिर पर हमले से जोड़कर देखा जा रहा है वो ग़लत है. जब मंदिर पर हमला हुआ तो गाजी की उम्र सिर्फ 11 साल थी, इतिहासकार बताते हैं कि मंदिर पर हमले में उनका जिक्र भी नहीं था. एक अधिकारी ने बिना तथ्यों को जाने जिस तरह के शब्द एक सूफी के लिए इस्तेमाल किए वो नफ़रत की हवा को बढ़ाने का काम कर रहा है. 


सपा सांसद ने कहा कि मसूद गाजी 12वीं शताब्दी के महान सूफी संत थे. बहराइच में उनकी कब्र है उनकी मज़ार पर हर साल जेठ के महीने में मेला लगता है. जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं. ऐसे अधिकारी को फौरन पदमुक्त करना चाहिए.  


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