Akhilesh Yadav CBI Notice: खनन मामले सीबीआई के नोटिस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना जवाब भेजा है. अखिलेश यादव ने कहा कि वो दिल्ली नहीं आ सकता है. इस मामले में लखनऊ में ही जांच-पड़ताल की जा सकती है. वो जांच में सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए भी पूछताछ में शामिल हो सकते हैं. सपा अध्यक्ष ने चुनाव से पहले नोटिस भेजने पर भी सवाल उठाया और पूछा कि चुनाव से पहले ही नोटिस क्यों भेजा गया है. 2019 के बाद यानी पिछले 5 सालों में कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी गई? अचानक नोटिस क्यों भेजा गया है.


इससे पहले अखिलेश यादव ने सीबीआई के इस नोटिस को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि चुनाव से पहले उन्हें परेशान करने के लिए ये भेजा गया हैं. उन्होंने कहा- "सपा सबसे ज्यादा निशाने पर है, 2019 में भी मुझे किसी मामले में नोटिस मिला था, क्योंकि तब भी लोकसभा चुनाव था. अब जब चुनाव आ रहा है, तो मुझे फिर से नोटिस मिल रहा है. मैं समझता हूं कि जब चुनाव आएगा तो नोटिस भी आएगा. ये घबराहट क्यों है. अगर पिछले दस सालों में आपने बहुत काम किया है तो फिर आप क्यों घबराए हुए हैं."


सपा अध्यक्ष ने लगाए परेशान करने के आरोप
बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अवैध खनन मामले में गवाही देने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने सीबीआई को ये जवाब दिया है. इस मामले में वो नामजद आरोपी नहीं है. सीबीआई ने उन्हें बतौर गवाह पेश होने के लिए नोटिस भेजा था. सीबीआई सपा सरकार में खनन पट्टों को आवंटन और उसकी प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी को लेकर जानकारी लेना चाहती है. 


जानें- क्या है अवैध खनन मामला 
दरअसल 28 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट के आदेश पर डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ 120 बी, 379, 384, 420, 511 के तहत सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में 5 जनवरी 2019 को 12 जगहों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कैश और गोल्ड बरामद हुआ था.