Lok Sabha Election 2024: यूपी में 80 की रस्सा कस्सी शुरू हो गई है. बीजेपी इस बार पूरी 80 सीट जीतने के मिशन पर है तो सपा और कांग्रेस मिलकर बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए न्याय यात्रा निकाल चुके हैं लेकिन, फिलहाल सपा की राह आसान नहीं दिख रही है. एक तो मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने के डर से कांग्रेस को गले लगाया और अब अपने परंपरागत वोट बैंक यादव तबके से भी खतरे की घंटी बजने लगी है. 


एमपी के सीएम मोहन यादव 3 मार्च को लखनऊ में होने जा रहे यादव महाकुंभ में शामिल होने जा रहे है. बीते महीने यादवों के कार्यक्रम में डीसीएम ब्रजेश पाठक भी पहुंचे थे. पिछले दिनों यादव महासभा दो फाड़ हो जाने के बाद एक धड़ा अब अखिलेश से बगावत करता हुआ दिखाई दे रहा है. महासभा से अलग हुए अनुराग यादव ने अलग होने के बाद एबीपी लाइव से बातचीत में सभी राजनैतिक दलों के लिए दरवाजे खोलने की बात कही थी. 


श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार मनीष यादव इस यादव महाकुंभ की तैयारी करा रहे है. मनीष का कहना है कि अखिलेश का साथ यादव समाज क्यों दे जब वो यादव समाज के नायक श्री कृष्ण के लिए खड़े नही होते. उनकी पीडीए की लड़ाई भी केवल प्रॉपर्टी ऑफ अखिलेश डिंपल है. ऐसे में अब यादव किसी का पिछलग्गू नही हैं. मोहन यादव भी हमारे समाज के है और श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर उनका समर्पण उनके बयानों में दिखता है.


सपा के खेमे में मची हलचल
बीजेपी के इस कार्यक्रम से सपा ख़ेमे में हलचल मच गई है. यादव महाकुंभ को लेकर सपा प्रवक्ता धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि मोहन यादव प्रतीक है और बीजेपी प्रतीकों के जरिए सियासत कर अपना जनाधार नही बढ़ा पाएगी. बीजेपी प्रवक्ता आनंद दुबे का कहना है कि आज हर वर्ग बीजेपी के साथ जुड़ना चाहता हैं. वहीं राजनैतिक जानकर योगेश मिश्रा ने कहा कि बीजेपी मोहन के जरिए माहौल बना रही है जो सपा को डिस्टर्ब कर सकता है.


क्या है यादव मतदाता का यूपी में समीकरण
यूपी में यादव मतदाताओं का विधानसभा की 50 सीटों को असर है.उत्तर प्रदेश में करीब 8-9 फीसदी यादव वोटर माने जाते हैं और ओबीसी में इनकी आबादी करीब 20 फ़ीसदी है. यादव वोट बैंक समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है. समाजवादी पार्टी की उभार से पहले राम नरेश यादव जनता पार्टी से मुख्यमंत्री रहे हैं
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीन बार और उनके उत्तराधिकारी के रूप में अखिलेश यादव एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. प्रदेश की करीब 50 विधानसभा सीटों को यादव वोटर प्रभावित करते हैं.


भाजपा कैसे रिझा रही यादवों को
भाजपा यूपी में यादव मतदाताओं को लगातार रिझाने का प्रयास कर रही है. इस वक्त गिरीश यादव योगी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. वहीं प्रतिनिधित्व के तौर पर हरनाथ यादव को राज्यसभा सदस्य बनाया जा चुका है. सुभाष यदुवंश को पहले युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया फिर प्रदेश संगठन में जगह दी गई, वर्तमान में एमएलसी हैं. भाजपा ने बड़ा संदेश देने के लिए आजमगढ़ में सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने भोजपुरी गायक निरहुआ को खड़ा किया था, हालांकि वह हार गए थे. बाद में उपचुनाव हुआ तो निरहुआ जीत गए.


पिछले दिनों मुलायम के करीबी यादव नेता सुखराम यादव के बेटे मोहित यादव को भाजपा में शामिल किया जा चुका है.


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