UP Politics: अखिलेश यादव की कांग्रेस को नसीहत, बीजेपी से मुकाबले के लिए बताया प्लान
UP Politics: अखिलेश यादव ने कहा कि "बीजेपी कह रही हैं कि पिछड़ों का अपमान हो गया, लेकिन जब हमारे घर को, मुख्यमंत्री आवास को आप लोगों ने गंगाजल से धोया तब अपमान नहीं हुआ था. "
Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा (Lok Sabha) सदस्यता जाने के बाद सियासत गर्मा गई है. विपक्ष के तमाम दलों ने अब एक सुर में बीजेपी (BJP) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बीच अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कांग्रेस (Congress) को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है कि वो क्षेत्रीय दलों को आगे करें और उनके साथ खड़ी हो, ताकि भाजपा का मुकाबला किया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोया था क्या तब पिछड़ों का अपमान नहीं हुआ था.
अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि "भाजपा के सभी सीनियर से लेकर जमीनी नेता कह रहे हैं कि पिछड़ों का अपमान हो गया, लेकिन जब हमारे घर को, मुख्यमंत्री आवास को आप लोगों ने गंगाजल से धोया तब अपमान नहीं हुआ. पिछड़ों के घर को आप गंगाजल से धोएंगे तो किसी का अपमान नहीं, लेकिन अपने ऊपर कोई ऐसी बात हो जाए तो उन पर मुकदमा लग जाएगा. अखिलेश ने सवाल किया कि जिन लोगों ने मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोया उन पर मुकदमा नहीं लगना चाहिए?"
बीजेपी पर अखिलेश यादव का हमला
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी कह रही है कि राहुल गांधी ने किसी का अपमान कर दिया है. लेकिन अगर अब खुद बीजेपी वालों के भाषण सुनोगे तो यूपी चुनाव में इन्होंने तो कितना अपमान किया है. इन पर तो और भी ज्यादा मुकदमें होने चाहिए. अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रीय दलों ने हमेशा ही क्षेत्रीय दलों का अपमान किया है. पहले ये कांग्रेस ने किया और अब बीजेपी द्वारा किया जा रहा है अब कांग्रेस के पास मौका है कि वो बीजेपी से मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय दलों को आगे करे.
आपको बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ग्रेटर नोएडा में कहा था कि "बीजेपी ने कई सपा नेताओं की सदस्यता छीन ली. अब कांग्रेस के सबसे बड़े नेता की सदस्यता ले ली गई. अगर हम चीजों को ऐसे ही देखें तो कई बीजेपी सदस्य भी अयोग्य करार दिए जा सकते हैं. अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो कई बीजेपी नेता भी अपने भाषणों-टिप्पणियों के लिए आयोग करार दिए जाएंगे.'' उन्होंने कहा, ''यह जानबूझकर किया गया है ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, उद्योगपति मित्रों द्वारा भारत के डुबोए गए पैसों से ध्यान भटकाया जा सके. वे इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं.''
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