Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को बीजेपी पर ओबीसी वर्गों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाया जाए और जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी किया जाए. उन्होंने लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021' पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि, अगर उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वह जातिगत जनगणना कराएंगे. 


पिछड़ों और दलितों को बीजेपी ने गुमराह किया 


सपा प्रमुख ने कहा कि, ‘‘पिछड़ों और दलितों को बीजेपी ने सबसे ज्यादा गुमराह किया है. बीजेपी ने जातियों के बीच मतभेद पैदा किए हैं.'' उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और कहा, ‘‘इन्होंने कुछ चेहरे आगे किये और कहा कि मुख्यमंत्री ओबीसी समुदाय से होगा. लेकिन जब मुख्यमंत्री बना तो कौन बना?'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर इतना महत्वपूर्ण विधेयक पारित हो रहा है तो उसी के साथ आरक्षण की सीमा को बढ़ाया जाए. जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किये जाएं।'' 


जाति जनगणना पर जोर


अखिलेश यादव ने इस बात पर जोर दिया कि, ‘‘सब जातियों को गिन लिया जाए. सबको लगता है कि, वो संख्या में ज्यादा हैं, लेकिन उनकी उपेक्षा हो रही है. ऐसे में जनगणना क्यों नहीं होती?'' उन्होंने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह सरकार न भूले कि उसे पिछड़ों ने यहां बैठने का मौका दिया. जिस दिन पिछड़े और दलित हट गए, उस दिन पता नहीं चलेगा कि आप कहां चले जाएंगे.'' चर्चा में भाग लेते हुए बसपा के रितेश पांडेय ने भी जातिगत जनगणना की मांग उठाई. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकारी नौकरियों को कम किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में ओबीसी के आरक्षण को खत्म किया जा रहा है, जबकि भाजपा दिखाती है कि वह ओबीसी वर्गों की चिंता करती है. 97 प्रतिशत नौकरियां निजी क्षेत्र में हैं. सरकारी नौकरियां खत्म की जा रही हैं. अब सरकार संशोधन करके भ्रम फैला रही है. सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए किया जा रहा है।'' पांडेय ने कहा, ‘‘जातिगत जनगणना होनी चाहिए. अगर यह नहीं होती है तो यह ओबीसी वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित करना होगा.''


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