UP Assembly Election 2022: सहारनपुर में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस पार्टी में जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही बड़ा झूठा है. साथ ही बीजेपी पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम से मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा किया था लेकिन अब तक वह बन नहीं सका.


अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम द्वारा किए गए तंज 'माफिया का सरदार अखिलेश' कहने पर रिएक्शन दिया और कहा कि कोई भी उनका और उनके अन्य नेताओं के आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर सकता है, उससे साबित हो जाएगा कि माफियाओं का सरदार कौन है. अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि बाजेपी सरकार बता दे कि 2017 से अब तक उन्होंने बिजली उत्पादन की दिशा में कौन सा काम किया है. उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल सत्ता सुख भोगने के बाद सहारनपुर में मां शाकुंभरी देवी नाम से यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है तो उसे पूरा कब करेंगे. उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि समाजवादी पार्टी सत्ता में आ रही है और यूनिवर्सिटी का आगे के निर्माण के साथ-साथ और क्या-क्या बेहतर हो सकता है, वह सब करेंगे.


अखिलेश यादव ने कही ये बात


अखिलेश यादव ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह भी कहा कि यदि समाजवादी पार्टी यमुना एक्सप्रेस-वे जैसे हाईवे ना बनाती तो बीजेपी वहां जहाज कैसे उतारती. एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने फर्जी मतदान का आरोप लगाया और बताया कि आगरा के फतेहाबाद में एक विकलांग का वोट अधिकारी ने डाल दिया था, जो बात सामने आ गई. इससे यह स्पष्ट हो रहा कि सारे अधिकारी एजेंट बनकर काम कर रहे हैं, जिसका चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए.


फतेहाबाद में फर्जी वोटिंग के आरोप पर अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा के फतेहाबाद में एक को वोट डालना था. अधिकारी वहां आए. वहां के एक विकलांग नौजवान ने कहा कि मेरा वोट अधिकारी ने डाल दिया जब गांव के लोगों ने घेरा उनसे पूछताछ की और अधिकारी को पहचान लिया कि यह अधिकारी है तो दूसरी टीम उसी वोटर को समझाने पहुंची और वह ये कहने लगे कि एक ही वोट तो खराब पड़ गया एक ही वोट की तो बात है. मैं चुनाव आयोग को आपके माध्यम से अपील करूंगा कि यह हेराफेरी अधिकारी कर रहे हैं. मैंने पहले दिन से ही कहा कि कई अधिकारी ऐसे हैं जो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बनकर कार्य कर रहे हैं. मैंने चुनाव आयोग से शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जो अधिकारी सरकार को खुश कर रहे थे उन्हें इनाम दिया गया सीट का.


चुनाव आयोग के हलफनामे में अपने ऑस्ट्रेलिया की डिग्री का जिक्र ना करने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने इसलिए डिग्री का जिक्र नहीं किया, मेरा कोर्स वर्क था वह कोर्सवर्क मैंने किया वह मैं अलग से दे दूंगा. मेरी डिग्री जो है वह एसडीसी मैसूर की है. मेरा कोर्स वर्क ऑस्ट्रेलिया का है, स्कूलिंग सैनिक स्कूल की है.


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