(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अखिलेश यादव ने कही बड़ी बात, बोले- बाढ़ की वजह से दहशत में ग्रामीण, 2022 में BJP को मिलेगा जवाब
बाढ़ को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि कई जिले बाढ़ ग्रस्त हैं, लोग तटबंधों पर या छतों पर दिन गुजार रहे हैं. पशुओं की जिन्दगी भी संकट में है. कई जगह नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ के हालात को चिंताजनक बताते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि बाढ़ की भयावह स्थिति और तटबंध टूटने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है, लेकिन भाजपा सरकार परेशान जनता की खोज खबर नहीं ले रही है.
अखिलेश ने कहा कि, 'भाजपा सरकार के झूठे वादों से किसान त्रस्त हैं, कई जिले बाढ़ ग्रस्त हैं, लोग तटबंधों पर या छतों पर दिन गुजार रहे हैं. पशुओं की जिन्दगी भी संकट में है. कई जगह नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं. सड़कें, पुल क्षतिग्रस्त हैं...बाढ़ की भयावह स्थिति और तटबंध टूटने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है..भाजपा सरकार के पास प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने का समय नहीं है. भाजपा सरकार राज्य की परेशान हाल जनता की खोज खबर नहीं ले रही है''
सपा अध्यक्ष ने कहा कि मिली सूचनाओं के अनुसार बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, मऊ, बस्ती, गोंडा, संतकबीरनगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर में बाढ़ से हजारों गांवों की लाखों लोग प्रभावित हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों गांवों का सम्पर्क बाकी इलाकों से टूट गया है और हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें जलमग्न हो गई हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी के पलिया कलां में शारदा, बलिया के तूतीपार क्षेत्र में सरयू, गोरखपुर के बर्डघाट और श्रावस्ती के राप्ती बैराज में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नेपाल और बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा, घाघरा नदियां उफान पर हैं. इनके तटबंधों पर खतरा बढ़ गया है. बाढ़ की भयावह स्थिति और तटबंध टूटने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है. रोहिनी नदी, कुवानों, गंडक, कुनहरा नदियां भी खतरे के निशान के नजदीक बह रही है.
अखिलेश यादव बताया कि बाढ़ की वजह से हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बड़ी संख्या में लोग अपने बचाव में पास की सड़कों पर या मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं. पशुओं के चारे के साथ उनको बचाने की भी समस्या है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन उन्हें राहत पहुंचाने में लापरवाह है. उन्होंने कहा कि बाराबंकी में सरयू खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है, जिससे तीन तहसीलों रामनगर, सिरौली गौसपुर और रामसेनही घाट में हाहाकार मचा हुआ है. सीतापुर में दो बच्चे बाढ़ के पानी में डूब गए.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि झांसी मण्डल में किसानों की गेहूं की उपज का करोड़ों रूपये बकाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बदायूं सहित कई जिलों में किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है, बुन्देलखण्ड में खेती चौपट हो रही है, सरकार का उधर ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रूपये का भुगतान अभी नहीं हो पाया है. मिल मालिकों पर सरकार का कोई जोर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा किसानों के हितों की अनदेखी करती रही है. वह तो बस कॉरपोरेट घरानों से ही खास नाता रिश्ता रखती है. भाजपा ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है. किसानों की आमदनी 2022 में दोगुनी करना भाजपा का सबसे बड़ा झांसा है. भाजपा को इसका जवाब भी 2022 में मिल जाएगा.
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