लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 से निपटने में अक्षम साबित हो रही है, मरीजों को ना तो समय से इलाज मिल रहा है, ना ही दवाइयां.
अखिलेश ने एक बयान में कहा, ''उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी के हालात बेकाबू होने से ‘नो टेस्ट नो केस‘ का रास्ता अख्तियार कर लिया गया है. राज्य सरकार बीमारी से निपटने में असहाय और अक्षम साबित हो रही है.''
एसपी के कामों का काट रहे हैं फीता
उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निष्फल कार्यकाल इसी बात में बीत रहा है कि वह समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों का फीता काटते रहें. भाजपा सरकारें केन्द्र की हों या राज्य की, दावों के सहारे ही अपने दिन काट रही हैं.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की सूची में अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, नगरपालिका, बैंक, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं न्यायकर्मियों का लगातार बढ़ना बेहद चिंताजनक है. शुक्रवार को 707 मामले राजधानी लखनऊ में मिले.
उन्होंने कहा, 'मरीजों को न समय से इलाज मिल रहा है और ना ही दवाइयां. प्रशासनिक विफलता के चलते कोविड-19 से और ज्यादा मौतें हो सकती हैं.'
नोएडा में अस्पताल की आधारशिला सपा सरकार में रखी गई
अखिलेश ने कहा कि नोएडा में सपा सरकार के कार्यकाल में 400 बेड के अस्पताल की आधारशिला रखी गई थी. मुख्यमंत्री योगी उसी अस्पताल में फीता काटने की रस्म अदायगी करते हैं. इस अस्पताल में अब कोविड-19 के मरीजों का इलाज होगा.
अखिलेश ने आरोप लगाया, ''प्रतापगढ़ में भाजपा का दमनकारी चेहरा सामने आया है. महामारी काल में जरूरतमंदों की मदद करने वाले आम नागरिकों और समाजवादियों के खिलाफ मंत्री के इशारे पर गोलीबारी का झूठा मामला दर्ज किया गया है जबकि सामाजिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ाने वाले भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.''
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