लखनऊ, एजेंसी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के पूरे तीन साल तरह-तरह के लोकार्पण, महोत्सवों के आयोजनों में ही बीत गए हैं, उसका अपना तो कुछ काम हुआ नहीं, समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बताते रही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार "इवेंट मैनेजमेंट कमेटी' बन गई है जिसने अब 'गंगा यात्रा' का नया 'इवेंट' ईजाद कर लिया है।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा को भटकाव की राजनीति में महारत हासिल है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेकारी और बिगड़ी कानून व्यवस्था का दूसरा नाम उत्तर प्रदेश बनता जा रहा है, सीएए के विरोध में जगह-जगह आक्रोश की आग सुलग रही है, महिलाएं चौका चूल्हा छोड़कर मैदान में उतर आई हैं और राज्य भाजपा सरकार एवं मुख्यमंत्री को इन सबकी परवाह नहीं, वे खेल तमाशों में और भव्य आयोजनों में व्यस्त हैं।
उन्होंने यहां एक बयान में कहा, 'भाजपा सरकार के पूरे तीन साल तरह-तरह के लोकार्पण, महोत्सवों के आयोजनों में ही बीत गए हैं। उनका अपना तो कुछ काम हुआ नहीं, समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बताते रहे। उनकी सरकार 'इवेंट मैनेजमेंट कमेटी' बन गई है जिसने अब 'गंगा यात्रा' का नया 'इवेंट' ईजाद कर लिया है।''
उन्होंने कहा, ''वैसे यह कोई नई बात नहीं है। प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे के नाम पर खजाना खोल दिया परन्तु गंगा मैली की मैली ही बनी हुई है। दिखावे के लिए ही ये अभियान चलाए गए हैं। '' अखिलेश ने कहा, 'अब मुख्यमंत्री ने अपनी गंगा यात्रा में 56 राज्य मंत्रियों को लगा दिया है। केन्द्रीय मंत्री भी इसमें शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में गंगा की लम्बाई 1140 किली मीटर है और गंगा यात्रा 1338 किमी. चलेगी। मुख्यमंत्री इस यात्रा को गंगा की सफाई से जोड़ते हैं जबकि इसकी सच्चाई एक केन्द्रीय मंत्री ने इसे 'अर्थ गंगा' बताकर खोल दी है। गंगा मइया के प्रति आस्था का झूठा प्रदर्शन कर बजट को खुर्द बुर्द करना ही इसका असल मकसद है।'' उन्होंने कहा, ''गंगा मइया के नाम पर धोखे का यह धंधा 1985 से शुरू हुआ था जो सन् 2000 में बंद हुआ। 15 साल में 900 करोड़ खर्च हुए। सन् 2014 में भाजपा फिर गंगा सफाई में जुट गई। निर्मल गंगा के लिए कई लोगों ने अपनी जाने दे दी। तब भाजपा की संवेदना नहीं जागी। अब इस नए ‘इवेंट‘ के लिए यही कहा जा सकता है कि डबल इंजन सरकारें भी बहकाने में लग गई है।''
उन्होंने कहा कि भाजपा की गंगा यात्रा से गंगा किनारे और नदी से आजीविका कमाने वालों को कोई लाभ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे ज्यादातर मछुआरा समाज के लोग रहते है, समाजवादी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों --कश्यप, निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कहार, गोंड, मांझी, राजभर, प्रजापति आदि को अनुसूचित जाति में डाला और भाजपा सरकार ने ठीक से हाईकोर्ट में पैरवी न करके इनका आरक्षण रूकवा दिया। उन्होंने कहा कि यह भाजपाइयों की गरीब केवट समाज के साथ हमदर्दी का दिखावा भर हैं।