Akhilesh Yadav on Reservation: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी पर लगातार हमलावर हैं. वहीं इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच भी सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप जारी है. अब अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है, उन्होंने कहा कि बीजेपी को हम लोग यूपी से बाहर कर देगें. वह डिप्टी सीएम है कौन, बीजेपी की नियत लोगों के बीच बंटवारे की रही है. 


वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण को लेकर बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है. आरक्षण के साथ बीजेपी सरकार ने खिलवाड़ किया है, मुख्यमंत्री को रास्ता निकालना चाहिये. इससे पहले अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है.


अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"ये तरीका आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा. आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे. दरअसल से सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है. अब जब बीजेपी ये जान गयी है कि संविधान को खत्म करने की भाजपाई चाल के खिलाफ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है."


क्या बोले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य


यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा-"सपा बहादुर कांग्रेस मोहरा अखिलेश यादव का PDA बहुत बड़ा धोखा है. झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बनी सपा लोकसभा चुनाव में जैसे संविधान ख़त्म हो जाएगा का दुष्प्रचार किया, उसी प्रकार PDA का झूठ फैला रहे हैं. बीजेपी ही वर्तमान भाजपा ही भविष्य, 2027 में 2017 दोहरायेंगे."


अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम पर कसा था तंज


दरअसल अखिलेश यादव ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर कहा था- "दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें! उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ का बयान भी साजिशाना है. पहले तो आरक्षण की हकमारी में खुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के खिलाफ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ पाया, तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गये. दरअसल ये ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं, वो तो ऐसा करके भाजपा के अंदर अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं. वो इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जिनके ऊपर उँगली उठा रहे हैं, वो ‘माननीय’ भी अंदरूनी राजनीति के इस खेल को समझ रहे हैं."


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