UP Politics: यूपी में अखिलेश यादव चलने जा रहे हैं सबसे बड़ा दांव, PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होगी शुरुआत
Caste Census: समाजवादी पार्टी का मानना है कि जातिवार गणना कराये जाने से विभिन्न जातियों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित हो सकेंगे और सभी को उनकी संख्या के अनुसार हक और सम्मान मिल सकेगा.
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अब जातीय जनगणना (Caste Census) के सहारे सत्तारूढ़ दल बीजेपी को घेरने के प्रयास में लगी है. इसके लिए ब्लॉक स्तर तक अभियान चलाने जा रही है. इसकी शुरूआत 24 फरवरी से प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होने जा रही है. समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने बताया कि प्रत्येक जिलों में विधानसभा के ब्लाक स्तर पर संगोष्ठी का प्रथम चरण 24 फरवरी से प्रारम्भ होकर 5 मार्च तक चलेगा. इसमें 24 व 25 फरवरी को वाराणसी, 26 व 27 फरवरी को सोनभद्र, 28 फरवरी और 1 मार्च को मिर्जापुर, 2 व 3 मार्च को भदोही में संगोष्ठियां होंगी. 4 व 5 मार्च को प्रयागराज में इस कार्यक्रम का समापन होगा.
राजपाल कश्यप ने कहा कि समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना कराने जाने की मांग पुरजोर ढंग से उठाती रही है. समाजवादी पार्टी का मानना है कि जातिवार गणना कराये जाने से विभिन्न जातियों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित हो सकेंगे और सभी को उनकी संख्या के अनुसार हक और सम्मान मिल सकेगा. जातिवार जनगणना के आंकड़ों से सरकार विकास कार्यों के अलावा अन्य नीति निर्धारण का कार्य कर सकेगी.
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बीजेपी के मिशन 80 को झटका लगता दिख रहा है
राजनीतिक जानकारों की मानें तो सपा ने जातीय जनगणना के मुद्दे के साथ लोकसभा चुनाव की लड़ाई को 80 बनाम 20 का बना दिया है. जिसमें 80 फीसद दलित और ओबीसी वर्ग है जबकि 20 फीसदी सवर्ण हैं. सपा अब इस मुद्दे पर खुलकर खेल रही है ताकि पार्टी के साथ ओबीसी और दलित वोटर जुड़ सकें. वहीं पार्टी ने गांव-गांव जाकर आंदोलन छेड़ने की रणनीति तैयारी की है. जिससे बीजेपी के मिशन 80 को झटका लगता दिख रहा है. दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश यादव के इस मुद्दे पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी अपनी सहमति जता चुके हैं.