UP News: लखनऊ में मंगलवार को उन्नाव की एक महिला ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की. हालांकि वहां मौजूद लोग समय से पहुंच गए और महिला के शरीर में लगी आग को बुझाया गया. इसके बाद उस महिला को अस्पताल पहुंचाया गया है. अब इस घटना पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है. सपा ने पहले ही दावा किया था कि यह घटना सीएम हाउस के गेट पर हुई है.
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'भाजपा सरकार से जनता की नाउम्मीदगी का एक और दिल दहला देनेवाला हादसा तब हुआ, जब लखनऊ में मुख्यमंत्री जी के ‘जनता दरबार’ में पहुंची पीड़ित महिला ने नासुनवाई से हताश होकर, अपने दुधमुँहे बच्चे को किनारे बैठाकर आत्मदाह किया. भाजपा के लिए जनता, सिर्फ़ मतदाता है. भाजपा के लिए चुनाव ख़त्म मतलब जनता से सरोकार ख़त्म.'
सपा प्रमुख ने आगे लिखा, 'महिला के प्रति सहानुभूति का भाव रखा जाए व उसके जीवन को बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ इलाज कराया जाए. महिला के परिजन व जनता निगाह रखे, कहीं ऐसा न हो कि भाजपा सरकार की नाकामी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के रूप में आत्मदाह करने पर उस महिला के ख़िलाफ़, भाजपा सरकार कोई गुपचुप कार्रवाई कर दे.'
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कांग्रेस की प्रतिक्रिया
यूपी कांग्रेस ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'उन्नाव की अंजलि जाटव अपने बच्चे के साथ मुख्यमंत्री के जनता दरबार में उनसे मिलने पहुंची. वहां से निकलते ही उन्होंने खुद को आग लगा लिया. मगर क्यों? मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी समस्या लेकर पहुंची महिला ने वहां से निकलकर खुश होने की बजाय आत्मदाह का प्रयास क्यों किया? क्या किसी को अब मुख्यमंत्री से भी न्याय की कोई उम्मीद नहीं?'
उन्होंने कहा, 'यह एक आम घटना नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की नाकामी का जीता-जागता सबूत है. फिलहाल पीड़िता की हालत नाजुक बताई जा रही है. हम पीड़िता के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करते हैं.' दूसरी ओर उन्नाव प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, महिला के द्वारा अपने पति और ससुरालजनों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है. महिला द्वारा जनता दर्शन और जिलाधिकारी महोदय के तहसील दिवस में उपस्थित होकर कार्रवाई न होने की बात कही गई थी.
प्रशासन ने बताया कि इसपर जिलाधिकारी उन्नाव द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारी और उपजिलाधिकारी पुरवा को अग्रिम कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था. उप जिलाधिकारी पुरवा द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए महिला के प्रताड़ना के आरोपित पति और देवर को BNSS अंतर्गत धारा 127/130/135(3)/170 में जेल भेज दिया गया था. महिला का एक साल का एक छोटा बच्चा भी है.