लखनऊ: देश में ईजाद वैक्सीन वैसे तो कोरोना से बचाव की है. लेकिन जिस तरह से उसे लेकर सियासत हो रही है उससे तो यही लगता है कि यह सियासत की भी वैक्सीन हो गई है. पहले अखिलेश यादव ने इसे बीजेपी की वैक्सीन बताते हुए लगवाने से इनकार किया था, तो वहीं सोमवार को अखिलेश यादव के पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने वैक्सीन लगवाई. जिसके बाद बीजेपी के तमाम नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा. इसके बाद मंगलवार को जब अखिलेश यादव ने खुद ट्वीट करके यह वैक्सीन लगवाने की बात कही तो उसके बाद तो सियासी उफान आ गया. अब सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि अखिलेश यादव को बीजेपी की नीतियां पसंद आ रही हैं.
अखिलेश यादव ने आज जो ट्वीट किया उसके जरिए उनकी कोशिश तो केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति को लेकर तंज कसना था लेकिन इस ट्वीट के बाद एक बार फिर वह बीजेपी सरकार के मंत्रियों के निशाने पर आ गए. दरअसल, ट्वीट में अखिलेश यादव ने यह लिखा कि वह बीजेपी की वैक्सीन के खिलाफ थे लेकिन केंद्र सरकार की इस वैक्सीन के खिलाफ नहीं है और अब खुद वैक्सीन लगवाएंगे. फिर क्या था ट्विटर पर तो अखिलेश यादव के इस ट्वीट के जवाब में सरकार के मंत्रियों ने मोर्चा खोल दिया. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो लिखा कि अखिलेश यादव को पहले माफी मांगनी चाहिए. हालांकि उनके इस कदम का स्वागत भी उन्होंने किया. वहीं डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी ट्वीट कर अखिलेश यादव पर निशाना साधा.
ट्वीट के बाद अखिलेश यादव खुद अपने पहले के दिए बयान को लेकर घिरते हुए नजर आए. यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि अखिलेश यादव के बयान के बाद जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगाई आज संक्रमण के चलते उनकी मौत हो गई उसके जिम्मेदार अखिलेश यादव हैं. इतना ही नहीं सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने अखिलेश यादव को इसके लिए बधाई तो दी लेकिन यह भी कहा कि अब लगता है कि अखिलेश यादव बीजेपी की नीतियों से भी प्रभावित हैं और हो सकता है कि कुछ और बीजेपी की नीतियों को वो स्वीकार कर लें.
वैक्सीन पर सियासत तो तब भी हुई जब सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने मेदांता अस्पताल में यह वैक्सीन लगवाई और अब जब अखिलेश यादव इसे लगवाने का ऐलान कर रहे हैं तो वह सीधे-सीधे बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गए. दरअसल, इसकी शुरुआत अखिलेश यादव ने खुद की थी जब उन्होंने इसे बीजेपी की वैक्सीन बता दिया था. हालांकि अब वह इसे केंद्र सरकार की वैक्सीन बता रहे हैं लेकिन इतने दिनों में ना वैक्सीन के किसी फार्मूले में अंतर हुआ ना नाम में अंतर हुआ और ना ही उसे बनाने वाली कंपनी में अंतर हुआ और अब अखिलेश यादव अपने पुराने बयान से यू टर्न ले रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि बीजेपी भला इस गोल्डन अपॉर्चुनिटी को भुनाने में कैसे पीछे रहती.
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