Akhilesh Yadav On Amritpal Singh: अग्निवीर अमृतपाल सिंह को सैन्य-सम्मान या राजकीय-सम्मान के साथ विदाई न देने पर देश की राजनीति गरमा गई है. यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने इस मामले को लेकर अग्निवीर योजना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. 


अखिलेश यादव ने रविवार (15 अक्टूबर) को एक्स पर लिखा, "पंजाब के अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के पार्थिव शरीर को न तो सैन्य-सम्मान मिला न राजकीय-सम्मान. ये एक त्रुटिपूर्ण सैन्य-भर्ती का दुष्परिणाम है. सैनिकों को उनका यथोचित सम्मान हर दशा-अवस्था में मिलना ही चाहिए." 


"इस शहादत को शत-शत नमन"


सपा चीफ ने आगे कहा, "हम इस शहादत को शत-शत नमन करते हैं. हम अग्निवीर योजना के अपने विरोध को पुनः रेखांकित करते हैं और परम्परागत भर्ती की पुनर्बहाली की मांग उठाते हैं. देश की सुरक्षा व देश के युवा के भविष्य के साथ हमें कोई भी समझौता मंजूर नहीं. जय हिंद."  






11 अक्टूबर को मृत मिले थे अमृतपाल 


अग्निवीर अमृतपाल सिंह सेना में हाल ही में शामिल हुए थे. बीती 11 अक्टूबर को अमृतपाल एक अग्रिम चौकी पर मृत पाए गए थे. उनके शरीर पर गोली का जख्म था. सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कमान ने एक्स पर लिखा, "एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, अग्निवीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को मारी गई गोली से मौत हो गई. अधिक जानकारी का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है." 


क्यों नहीं दी गई कोई सलामी?


इसमें कहा गया है कि सिंह के पार्थिव शरीर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और चार अन्य रैंक के जवान के साथ एक एम्बुलेंस में उनके गृह नगर ले जाया गया. जवान भी सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. सेना ने कहा कि मौत का कारण खुद को पहुंचाई गई चोट पाए जाने के मद्देनजर, मौजूदा नीति के अनुसार कोई सलामी गारद नहीं दी गई या सैन्य अंत्येष्टि नहीं की गई.


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