UP News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के अस्पतालों का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा है. उन्होंने शनिवार (14 अक्टूबर) को कहा कि यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली ऐसी है कि बलरामपुर के सरकारी अस्पतालों में प्रसूताओं को घटिया क्वालिटी का भोजन दिया जा रहा है. मरीज इसे लेने से मना कर रहे हैं. अस्पताली भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब होने से अब मरीज अपने घरों से खाना और नाश्ता मंगाने को मजबूर हैं.


अखिलेश यादव ने आगे कहा कि यह भी शिकायतें हैं कि समय से नाश्ता-खाना नहीं दिया जा रहा है. मरीजों तक खाना पहुंचना चाहिए पर यहां तो खुद मरीज या तीमारदार लाइन लगाकर भोजन लेते हैं. प्रसूताओं के लिए बने भोजन चार्ट का भी पालन नहीं होता है. बीजेपी की डबल इंजन सरकार में मरीजों को खाना तक नहीं मिल पा रहा है. इससे ज्यादा और क्या विफलता हो सकती है? 


"बीजेपी सरकार की पोल खुली"


उन्होंने कहा कि लखनऊ के लोहिया अस्पताल में दूसरे जिलों से आने वाले मरीजों के ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से बाहर खुले में मरीज और तीमारदार लेटने को मजबूर हैं. इस अस्पताल की इमरजेंसी की गैलरी में मरीज सोते देखे गए हैं. मरीज की जांच नहीं होने से बीमार खुले में मच्छर भगाने की अगरबत्ती जलाकर लेटते हैं. इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर का बड़ा जोर है. अस्पतालों में इनके मरीजों की लम्बी-लम्बी कतारें लगी हैं. इससे बीजेपी सरकार की पोल खुल रही है. 


"अस्पतालों में बेड कम"


अखिलेश यादव ने आगे कहा कि देवरिया में पिछले दिनों 35 बेड पर 52 बच्चों का इलाज होते पाया गया. फिरोजाबाद के अस्पतालों में बेड कम पड़े तो स्ट्रेचर पर लिटा मरीजों को ड्रिप चढ़ाई जा रही थी. लखनऊ में दो प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थान केजीएमयू और लारी अस्पताल में मरीजों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ रही है. 


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