अखिलेश का हमला, 'हवाई पट्टियों को पूंजीपतियों के हाथ में सौंप रही बीजेपी, सबकुछ बेचकर चैन की नींद सोना चाहते हैं'
यूपी के पूर्व मुखयमंत्री अखिलेश यादव ने हवाई पट्टियों को पीपीपी मोड पर ट्रेनिंग के लिए दिए जाने को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है.
Akhilesh Yadav News: यूपी सरकार ने हवाई पट्टियों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर फ्लाइंग क्लब व प्रशिक्षण एकेडमी को देने का फैसला लिया है. फैसले के मुताबिक, प्रदेश में 17 में से 12 हवाई पट्टियों को ट्रेनिंग के लिए निजी फ्लाइंग क्लब और ट्रेनिंग अकादमियों को दिया जाएगा. वहीं, योगी सरकार के इस फैसले को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निशाना साधा है. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर सरकार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि भाजपाई सब कुछ बेचकर चैन की नींद सोना चाहते हैं.
अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, "हवा-हवाई बातें करने वाले भाजपाइयों को समझ आ गया है कि उनके बस का कुछ भी नहीं है इसीलिए वो उप्र की हवाई पट्टियों तक को पूंजीपतियों के हाथ में सौंप रहे हैं और लगता है ख़ुद से ही कह रहे हैं कि ‘हम से न हो पाएगा’. भाजपाई सब कुछ बेचकर चैन की नींद सोना चाहते हैं."
एजेंसी में छपी खबर के मुताबिक, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों और फ्लाइंग क्लबों/अकादमियों के लिए हवाई पट्टियों के उपयोग की प्रस्तावित नीति को स्वीकृति दे दी गई.
इस नीति के तहत नागर उड्डयन विभाग द्वारा चयनित फ्लाइंग क्लबों तथा अकादमी को अकबरपुर (आंबेडकर नगर), अंधऊ (गाजीपुर), श्रावस्ती, फर्रुखाबाद, धनीपुर (अलीगढ़), अमहट (सुलतानपुर), म्योरपुर (सोनभद्र), सैफई (इटावा) पलिया (खीरी), झांसी, रसूलाबाद (कानपुर देहात), आजमगढ़ और चित्रकूट जिलों में स्थित कुल 13 हवाई पट्टियों तथा उन पर निर्मित परिसंपत्तियों जैसे कि हैंगर तथा भवन आदि को उड्डयन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए इजाजत दी जाएगी.
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त 17 हवाई पट्टियां हैं. 2007 में इन पट्टियों के रखरखाव, सुरक्षा, राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों तथा रोजगार के नए अवसरों के सृजन की प्रतिबद्धता को देखते हुए राज्य द्वारा अपने नियंत्रण और स्वामित्व वाली हवाई पट्टियों का निजी संस्थाओं को उड़ान प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा वायुयान अनुरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अनुमति दिए जाने की नीति निर्धारित की गई थी.
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