UP Politics: 'बुलडोजर आज चलेगा या कल...', रेप केस में BJP विधायक की सजा पर अखिलेश यादव ने पूछा सवाल
Ramdular Gond Sentence: बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को नौ साल पुराने रेप केस में सजा सुनाई गई है. अब उनको उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना भी तय है.
Akhilesh Yadav On Ramdular Gond: उत्तर प्रदेश के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की से रेप करने के मामले में 25 साल की सजा सुनाई गई है. इस फैसले के बाद सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक एमएलए की विधायकी रद्द क्यों नहीं की गई.
अखिलेश यादव ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "बलात्कार के मामले में बीजेपी के दुद्धी (सोनभद्र) के विधायक को 25 साल की सजा व 10 लाख रुपये का जुर्माना हुआ है, फिर भी अब तक विधानसभा की सदस्यता रद्द नहीं हुई है. कहीं उन्हें भाजपाई विधायक होने की वजह से विशेष आदर और अभयदान तो नहीं दिया जा रहा है. जनता पूछ रही है कि बुलडोजर की कार्रवाई आज होगी या कल?"
एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा
सोनभद्र की एक एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की से नौ साल पहले रेप करने के मामले में 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना तय है.
सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना तय
जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, कोई भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर दोषसिद्धि की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा. इतना ही नहीं, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए पात्र नहीं होगा.
10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
एमपी/एमएलए अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) एहसान उल्लाह खान ने अभियुक्त पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो पीड़िता के पुनर्वास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. अदालत ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था और सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय की थी.
2014 में दर्ज हुआ था केस
रेप का ये मामला नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. घटना के समय विधायक की पत्नी ग्राम प्रधान थीं. पीड़िता के भाई की तहरीर पर पुलिस ने रामदुलार गोंड पर मामला दर्ज किया था. गोंड उस समय विधायक नहीं थे और मामले की सुनवाई पॉक्सो अदालत में चल रही थी.
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