Akhilesh Yadav on Yogi Adityanath: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव पर सीएम योगी (Yogi Adityanath) के बयान को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सुदूर पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पंचायत चुनाव की बड़ी चिंता है जबकि, भाजपा (BJP) के सत्ता संरक्षण में यूपी के होने वाले हर चुनाव में स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता का दम घोंटा गया. अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में विपक्ष के मतों पर खुला डाका डाला गया. इन चुनावों में भाजपा द्वारा जो जोर-जबरदस्ती मतदाताओं के साथ की गई, उसकी अनदेखी कैसे की जा सकती है.


अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या की है. यहां सरकार ने पुलिस प्रशासन और धनबल से लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है. पिछले छह सालों में उत्तर प्रदेश पंचायत, नगर निकाय और ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में वोटों की खूब लूट हुई. प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को धमकाया गया. उन्हें वोट डालने नहीं दिया गया, प्रत्याशियों के नामांकन पर्चे जबरन छीन लिए गए. भाजपा राज में यूपी में पंचायत चुनावों में फायरिंग हुई थी, बम फोड़े गए थे, बैलेट बॉक्स लूटे गए थे, महिलाओं की साड़ी फाड़ी गई थी और मारपीट खून-खराबा तक हुआ था. भाजपा द्वारा सत्ता का दुरूपयोग कर लोकतंत्र को कलंकित किया गया है.


अखिलेश ने लगाया बीजेपी पर आरोप


सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र और संविधान पर गंभीर खतरा है. सत्ता के दुरुपयोग के कारण नौकरशाही का राजनीतिकरण कर दिया गया है. चुनाव में विपक्षी दलों के प्रत्याशियों को प्रताड़ित किया जाता है. यह लोग राजनीतिक विरोधियों के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार करते हैं. भाजपा बदले की भावना से काम कर रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र का ढिंढोरा पीटने वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में चुनाव महज दिखावा बन कर रह गए हैं. 


सीएम योगी के इस बयान पर किया पलटवार


गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में भारी हिंसा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश में 760 नगर निकाय चुनाव में एक भी जगह न हिंसा हुई और न ही धांधली हुई. ये एक मानक है और इससे सीखना चाहिए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए योगी ने कहा था कि लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले ही लोकतंत्र का ढिंढोरा पीट रहे हैं. 


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