Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक व्यक्ति अपनी मांगों को लेकर टावर पर चढ़ गया. इसकी सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया. पुलिस और रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंच कर ड्राइवर को समझाकर सुरक्षित नीचे उतारा. जिसकी पहचान राजू सैनी के रुप में हुई और वह यूपी परिवहन में चाक के पद पर तैनात है.


इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार को घेरा. सोशल मीडिया पर पोस्ट एक संदेश में अखिलेश यादव ने कहा कि यह है ये है उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के तथाकथित दरबार की सच्चाई, जहां कोई सुनवाई नहीं होती है.






सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आगे लिखा, "हम उस फरियादी से आग्रह करते हैं कि आइंदा अपना जीवन खतरे में न डालें." उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर तंज सकते हुए कहा, "उनके हृदय में न दया है, न करूणा, न ही प्रेम उनके सामने गुहारने- पुकारने से क्या फायदा है?"


अखिलेश यादव ने कहा कि "आशा है शासन- प्रशासन उस व्यक्ति के साथ कोई अवांछित व्यवहार नहीं करेगा और उसकी समस्या का समाधान करेगा." योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "फरियादी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा."


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अलीगढ़ के अतरौली डिपो पर तैनात राजू सैनी नाम का एक चालक अपनी मांगों को लेकर टावर पर चढ़ गया. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और तत्काल मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने क्रेन के सहारे उसे नीचे उतारा. 


ड्राइवर राजू सैनी ने आरोप लगाया कि इसकी शिकायत उसने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी की थी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सीएम के जनता दरबार में दी गई शिकायत में राजू सैनी ने बताया कि अधिकारियों के जरिये चालक- परिचालक के साथ जबरन वसूली की जाती है. 


शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि एआरएम और इंचार्ज नीलम प्रवीण पंडित ने मुझसे दो बार मारपीट की. राजू सैनी ने शिकायत में आरोप लगाया है कि अतरौली डिपो में जबरन खराब गाड़ियों के संचालन करने का दबाव बनाया जाता है और नौकरी से निकालने के बहाने 10 हजार रुपये वसूले जाते हैं.


'सैलरी से काट लिए जाते हैं पैसे'
ड्राइवर राजू सैनी के मुताबिक, अधिकारी डीजल चोरी का आरोप लगाकर उसकी सैलरी से पैसे की कटौती करते हैं. यहां बहुत बड़े पैमाने पर लूट होती है. चालक- परिचालक सरकारी होने की उम्मीद में उनका पूरा घर तबाह हो जाता है. 


शिकायतकर्ता के मुबातिक, बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते और भूख से तड़पते हैं, जिसकी वजह से कई चालक- परिचालक ने आत्महत्या कर ली. शिकायकर्ता ने बताया कि वह लगातार पांच सालों से कार्रवाई के लिए गुहार लगा रहा है पर आज तक कोई लाभ नहीं मिला.    


चालक के पत्नी ने की ये मांग
राजीव सैनी की पत्नी भावना ने मीडिया को बताया कि उसके पति के साथ रोडवेज के अधिकारी मारपीट करते हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले की विभाग के साथ अन्य जगहों पर भी शिकायत की गई थी, लेकिन आश्वासन के बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. 


भावना ने बताया कि पैसों की किल्लत की वजह से उनका बेटा बीएससी नहीं कर पाया, हर महीने में उनके पति की सैलरी दो से तीन हजार आती है. इतने कम पैसों में वह घर चलाए या अपने बच्चों को पढ़ाए. उन्होंने अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए परिवहन मंत्री और अधिकारियों से मिलने की मांग की. 


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