(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'अब क्या भाजपाई फिर ये कहेंगे कि...' नोटबंदी की सालगिरह पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर कसा तंज
Demonetisation: नोटबंदी के आठ साल आज पूरे हो रहे हैं. जिसे लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि नोटबंदी का इतिहास काले रंग से ही छापा जाएगा.
Akhilesh Yadav on Demonetisation: नोटबंदी को आज आठ साल पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था. विपक्षी दल लगातार पीएम मोदी के इस फैसले को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आज इस दिन को याद करते हुए इसे काला इतिहास बताया और कहा कि बीजेपी के इस फैसले से भारत की अर्थव्यवस्था अनर्थव्यवस्था बन गई.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर नोटबंदी की सालगिरह पर लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी और भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने लिखा- 'भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी के नाम पर एक पूरे-का-पूरा अध्याय सिर्फ काले रंग से ही छापा जाएगा.
आज नोटबंदी की 8वीं सालगिरह के ठीक एक दिन पहले ही, कल रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे कमजोर स्थिति में आ गया. जनता पूछ रही है क्या ये नोटबंदी की नाकामयाबी की वजह से हुआ या भाजपा की नकारात्मक नीतियों की वजह से. अब क्या भाजपाई फिर ये कहेंगे कि देश के इतिहास में रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर ‘रिकार्डतोड़’ नहीं गिरा है बल्कि डॉलर ऊपर उठा है. भाजपा ने अर्थव्यवस्था को अनर्थव्यवस्था बना दिया है. रुपया कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!'
भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी के नाम पर एक पूरे-का-पूरा अध्याय सिर्फ़ काले रंग से ही छापा जाएगा।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 8, 2024
आज नोटबंदी की 8वीं सालगिरह के ठीक एक दिन पहले ही, कल रुपया डॉलर के मुक़ाबले सबसे कमज़ोर स्थिति में आ गया। जनता पूछ रही है क्या ये नोटबंदी की नाकामयाबी की वजह से हुआ या…
अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरा
समाजवादी पार्टी लगातार नोटबंदी को लेकर बीजेपी को घेरती रही है. जबकि बीजेपी का दावा है कि नोटबंदी के बाद कई बार चुनाव हो चुके हैं और जनता ने इस मुद्दे को नकार दिया है. इसलिए विपक्ष के आरोपों में दम नहीं है.
बता दें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था. जिसके बाद उसी दिन रात 12.00 बजे से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बाजार में चलन से बाहर कर दिया गया था. सरकार के इस फैसले के बाद बड़े स्तर देश में उथल-पुथल देखने को मिली थी, लोग अपने नोटों को बदलने की दिन रात बैंक के सामने बैठे दिखाई दिए थे. सरकार ने इसे आतंकवाद और नक्सलवाद पर कड़े प्रहार बताया था.
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