Akhilesh Yadav Speech: चुनाव के बाद राहुल भूले लेकिन अखिलेश यादव नहीं, लोकसभा में उठाए ये अहम मुद्दे
Akhilesh Yadav in Parliament: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज सदन में तमाम मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने अग्निवीर से लेकर किसानों की एमएसपी तक सब पर बात की.
Akhilesh Yadav Speech In Lok Sabha: 18वीं लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा तो आज (मंगलवार) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज सीट से सांसद अखिलेश यादव की बारी थी. अखिलेश यादव ने भी तमाम मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. यही नहीं चुनाव से पहले जो मुद्दे वो लगातार उठाते हुए आए थे. उन पर भी उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी.
अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए तमाम मुद्दों किसानों को एसएसपी, आवारा पशु, अग्निवीर को लेकर सरकार को घेरा तो वहीं अयोध्या को लेकर तंज कसते हुए छत टपकने से लेकर रेलवे स्टेशन की दीवार गिरने तक में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा. इस दौरान उन्होंने वो मुद्दे भी उठाए जिन्हें राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में शामिल नहीं किया था. जबकि चुनाव से पहले वो इन पर खुलकर बोल रहे हैं.
अखिलेश यादव ने उठाए ये अहम मुद्दे
अखिलेश यादव ने सदन में एक बार फिर जातीय जनगणना और ईवीएम के मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि जाती जनगणना के बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें ईवीएम पर कतई भरोसा नहीं और जब भी उनकी सरकार आएगी वो ईवीएम को हटाने का काम करेंगे. चुनाव के दौरान राहुल गांधी जातीय जनगणना और ईवीएम को लेकर खुलकर बोलते थे. हालांकि लोकसभा में उन्होंने इन्हें अपने भाषण में शामिल नहीं किया.
ईवीएम को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि "जब आचार संहिता लागू हुई तो कुछ लोगों पर सरकार और चुनाव आयोग बहुत मेहरबान रहा. अगर वो संस्था निष्पक्ष होगी तो हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा. ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था. आज भी भरोसा नहीं है. मैं 80 की 80 सीटें जीत जाऊं तब भी भरोसा नहीं. मैंने अपने चुनाव में कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम को ही हटाने का काम करेंगे. न ईवीएम की मुद्दा मरा है न ख़त्म होगा. जब तक ईवीएम नहीं हटेगी हम समाजवादी लोग उस बात पर अड़े रहेंगे."
वहीं एक बार फिर उन्होंने जातीय जनगणना की मुद्दा उठाया और कहा कि "जो बात जातीय जनगणना को लेकर पहले उठी थी हम उसके समर्थन में हैं. बिना जातीय जनगणना के सबको सामाजिक न्याय संभव नहीं है. सबको हक दिला पाना मुश्किल है."