कोरोना काल में अखिलेश यादव का सियासी वार, बोले- अनिर्णय और जड़ता की शिकार हो गई है बीजेपी
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि बिचौलियों को फायदा पहुंचाकर गेंहू खरीद का लक्ष्य हासिल करने की साजिश की गई है. मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो वो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोरोना के बहाने किसानों से गेहूं की खरीद बंद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बिचौलियों को फायदा पहुंचाकर गेहूं खरीद का लक्ष्य हासिल करने की साजिश की जा रही है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में बीजेपी सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं. बीजेपी अनिर्णय और जड़ता की शिकार हो गई है. उनका आरोप है कि कोरोना संकट के बहाने बीजेपी सरकार ने किसानों से गेहूं की खरीद बंद कर दी है.
किसान आंदोलन क्यों कर रहा है
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि, ''सरकार खरीद के झूठे आंकड़े पेश कर रही है. जब अधिकांश जगह क्रय केन्द्र ही नहीं खुले, जहां खुले वहां बोरों-नकदी का अभाव रहा, घटतौली और किसानों को लौटाने की खबरें आती रहीं तो कैसे खरीद का ग्राफ चढ़ गया? किसान को अगर गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहा है तो फिर वो आंदोलन क्यों कर रहा है? सच्चाई ये है कि किसान बाजार में 1500 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल में गेंहू बेचने को मजबूर है.''
सीएम मामले की निष्पक्ष जांच कराएं
अखिलेश ने आरोप लगाया कि, ''ऐसा लगता है कि बिचौलियों को फायदा पहुंचाकर गेंहू खरीद का लक्ष्य हासिल करने की साजिश की गई है. मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो वो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं.'' उन्होंने कहा कि, ''किसान की बर्बादी को देखने की स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री को कहां फुर्सत है? उसको राहत देने के लिए मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है. किसान की हालत ये है कि दुर्दशा पर कर्ज और तंगहाली में वो अपनी जान ही देता आया है, यही विकल्प बीजेपी सरकार ने गरीब और किसान के लिए छोड़ रखा है.''
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