UP Nikay Chunav 2023: मेरठ मेयर सीट के लिए टेंशन में अखिलेश यादव, टिकट को लेकर दो दमदार विधायक आमने-सामने
UP Nagar Nikay Chunav 2023: दो विधायकों के बीच चल रहे टिकट के कलेश ने अखिलेश यादव को टेंशन में डाल दिया है. मेरठ सीट का मिजाज ये रहा है कि तीन बार बसपा और दो बार भाजपा जीती है.
Meerut Mayor Seat: मेरठ मेयर सीट पर टिकट फाइनल करने में सपा टेंशन में है. उसकी टेंशन है ही ऐसी. दो दमदार विधायकों ने अपनी-अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगा है. दोनों टिकट को लेकर आमने सामने हैं. अब टिकट किसी एक को मिल सकता है और दूसरे की नाराजगी भारी पड़ सकती है. टिकट को लेकर यही कलेश है और इसी बात से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) टेंशन में हैं. हालांकि अभी अखिलेश और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को ये तय करना है कि सीट किसके लिए छोड़नी है. चूंकि मेरठ में दूसरे चरण में 11 मई को चुनाव होना है. इसलिए टिकट पर जल्द फैसला लिया जाएगा.
सपा के दो विधायक आमने-सामने
बता दें कि निकाय चुनाव का शंखनाद हो चुका है, लेकिन मेरठ नगर निगम सीट पर अभी ये तय नहीं है कि अखिलेश-जयंत का गठबंधन चुनाव साइकिल के सिंबल पर लड़ेगा या प्रत्याशी नल चलाएगा. लेकिन इससे पहले ही सपा के शहर विधायक रफीक अंसारी और सरधना विधायक अतुल प्रधान आमने सामने हैं. विधायक रफीक अंसारी अपनी पत्नी खुर्शीदा अंसारी के लिए टिकट मांग रहें हैं और विधायक अतुल अपनी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान के लिए.
हाजी रफीक अंसारी को उम्मीद है कि टिकट उन्हीं का होगा और अतुल प्रधान को भरोसा है कि बाजी वही मारकर ले जाएंगे. दोनों ही विधायक मेरठ से लखनऊ तक पूरी ताकत झोंक रहें हैं. अपने-अपने खेमे के करीबियों से सिफारिश लगवा रहें हैं. ये टकराव देखकर ही शायद इसीलिए अखिलेश के आदेश पर महापौर प्रत्याशी चयन समिति मेरठ पहुंची जिसमें सपा विधायक स्वामी ओमवेश, विधायक आशु मलिक और मुजफ्फरनगर के निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी भी मेरठ पहुंचे थे. कुछ दावेदारों से बात की. समझौते की भी बात की, लेकिन बात नहीं बनी. जब उनसे पूछा गया कि क्या दो विधायकों में जंग है तो बोले ऐसा कुछ नहीं हमने पांच नाम फाइनल किए हैं.
विधायक रफीक अंसारी ने भी दावा ठोका
सबसे पहले मेरठ शहर विधायक रफीक अंसारी की बात करते हैं. पत्नी खुर्शीदा अंसारी के लिए टिकट का दावा ठोका है. उन्होंने अपनी भविष्य की जीत का जो आंकड़ा बताया है. उसके हिसाब से वो 15 साल यानी तीन बार मेरठ नगर निगम में पार्षद रहें हैं. दो बार लगातार सपा के सिंबल पर चुनाव जीतकर विधायक हैं. अंसारी बिरादरी से आते हैं जिसके वोट करीब एक लाख से ज्यादा हैं और शहर में बीजेपी को शिकस्त देने की बड़ी रणनीति पास होने का दावा कर रहें हैं.
अतुल प्रधान ने किया है ये दावा
अब सरधना विधानसभा से विधायक अतुल प्रधान के दावे की बात करते हैं. सपा के फायरब्रांड नेता संगीत सोम को चुनाव हराया. लंबे समय से छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं. हर बिरादरी में बड़ी पैठ का दावा करते हैं. गुर्जर बिरादरी से आते हैं और पत्नी सीमा प्रधान मेरठ में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. पत्नी सीमा प्रधान के लिए टिकट मांग रहें हैं. दावा कर रहे है टिकट मिल गया तो बीजेपी से मुकाबला होगा और जीत पक्की है.
मेरठ में जब महापौर प्रत्याशी चयन समिति आई तो सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान ने भी मजबूत दावा रखा. उन्होंने कहा कि हमारा टिकट हो गया तो हम बिलकुल जीतेंगे जनता की सेवा करेंगे. अब इस मामले पर बीजेपी की बात करें तो बीजेपी हमेशा ही सपा पर हमलावर रहती है. दो विधायकों के आमने-सामने रहने पर जब बीजेपी नेताओं से सवाल पूछा तो कहा कि उनका अंदरूनी मामला है लेकिन दावा कर रहें हैं कोई भी लड़े हम जीतेंगे.
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सपा के घमासान की चर्चा हर तरफ है
निकाय चुनाव में मेरठ सीट का मिजाज ये रहा है कि तीन बार बसपा और दो बार भाजपा जीती है. क्या इस बार ये समीकरण बदलेगा. लेकिन प्रतिद्वंदी पार्टी के प्रत्याशी से चुनाव लड़ने से पहले टिकट को लेकर चल रहे सपा के इस घमासान की चर्चा हर तरफ है. बाजी किसके हाथ लगेगी ये भी देखना दिलचस्प होगा.
मेरठ मेयर सीट पर टिकट पाने को सपा विधायक अतुल प्रधान का अपना दावा है और विधायक रफीक अंसारी का अपना. लेकिन टिकट पाने की जंग में दोनों ही आमने सामने हैं और टिकट बटवारें की टेंशन मेरठ से लखनऊ तक है. अब कौन सा विधायक किसपर भारी पड़ेगा और कौन टिकट की जंग हार जाएगा ये भी देखना दिलचस्प होगा. लेकिन दो विधायकों के बीच चल रहे टिकट के कलेश ने अखिलेश यादव को टेंशन में जरूर डाल दिया है.