चार चुनाव लगातार हारने के सवाल पर अखिलेश यादव ने बताया संघर्ष का रास्ता, बोले- हां, हमने बहुत...
Akhilesh Yadav ने एबीपी न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में अपनी सियासत के संघर्ष के रास्ते पर भी चर्चा की. यहां पढ़ें उनसे हुई खास बातचीत
UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने समाजवादी पार्टी संजीवनी दे दी है. न सिर्फ पार्टी ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए को मात दी वहीं संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी. सपा ने यह चुनाव अखिलेश यादव की अगुवाई में लड़ा जिन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अब तक पार्टी के इतिहास में सबसे ज्यादा 37 सीटें हासिल कीं. हालांकि इससे पहले वह साल 2014, (आम चुनाव) साल 2017(यूपी विधानसभा ),साल 2019 (आम चुनाव)और साल 2022(यूपी विधानसभा ) का चुनाव बीजेपी के हाथों हार चुके थे.
एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में पत्रकार रोहित सिंह सांवल ने इस मुद्दे पर अखिलेश से सवाल किया. सपा प्रमुख से पूछा गया- एक के बाद एक हार का चुनाव का सामना करना पड़ा, वो दौर और आज का दौर... ये सफर कैसा रहा?
'आप राजनीति में हैं तो...'
कन्नौज सांसद ने कहा कि जब आप राजनीति में हैं तो आपको कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. उतार चढ़ाव आते हैं. हम समाजवादियों का यही मानना है कि काम करते जाना है. यही राजनीति का रास्ता है. हम लोग काम करते रहे. आज परिणाम देखिए कि सपा देश की तीसरी पार्टी बन गई. यूपी में नंबर 1 हो गई. हां यह सही है कि हमने बहुत दिन संघर्ष में गुजारा. अब ग्राफ चढ़ता जा रहा है. हम लोग 2027 (यूपी विधानसभा चुनाव) में जीतेंगे.
यूपी विधानसभा में किसको मिलेगी अखिलेश यादव की जगह? सपा प्रमुख बोले- बहुत जल्द...
यह पूछे जाने पर लोकसभा चुनाव के दौरान सपा ने बार बार टिकट क्यों बदला, अखिलेश ने कहा कि कोई कंफ्यूजन नहीं था. सीट जीतनी थी और सीट इसलिए बदल रहे थे कि क्योंकि सामने वाले को हराना है और कई जगहों पर हम कामयाब हुए. परिवारवाद के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के पास परिवार नहीं है तो वो किसको लड़ाएंगे.