Akhilesh Yadav on Meerut Police: मेरठ में पुलिस का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक को फंसाने के लिए पुलिस ने उसकी बाइक में पहले तमंचा छुपाया और फिर उसे हिरासत में लेने पहुंच गई, लेकिन ये पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने आईजी दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस मामले पर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर तंज कसा है और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्सर कानून व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते है. वो तमाम मुद्दों पर खुलकर सरकार पर हमले करते हैं. इस कड़ी में अब उन्होंने मेरठ पुलिस के इस कारनामे पर निशाना साधते हुए तंज कसा है. सपा अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट शेयर की. उन्होंने लिखा, 'पहले ख़ुद ही रखकर, फिर करते हैं बरामद... झूठी है इनकी दबिश और झूठी है हिरासत...'


जानें- पूरा मामला


दरअसल ये पूरा मामला खरखौदा थाना इलाके के खंदरावली गांव का है. बताया जा रहा है कि यहां रहने वाले अशोक त्यागी के परिवार का जमीनी विवाद चल रहा है. आरोप है कि पुलिस ने दूसरे पक्ष से सेटिंग कर ली और जबरन अशोक के बेटे अंकित को फंसाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस उसके घर पहुंची और कहा कि अंकित की बाइक में तमंचा होने की सूचनी मिली है, जिसके बाद पुलिस ने बाइक से तमंचा बरामद किया और उसे हिरासत में ले लिया. लेकिन इस पूरे मामले में उस वक्त ट्विस्ट आ गया पुलिसवाले ही उसकी बाइक में तमंचा रखते हुए सीसीटीवी में कैद हो गए. 


आईजी ने मामले की जांच के आदेश


सीसीटीवी फुटेज में 26 सितंबर को दो पुलिस वाले युवक अंकित त्यागी के घर के बाहर खड़े दिख रहे हैं. फिर एक पुलिसवाला अंकित की बाइक में तमंचा रखने पहुंच जाता है और इसके बाद पुलिस उसे अवैध तमंचा रखने के आरोप में हिरासत में लेकर चली गई. परिजनों ने अब सीएम ऑफिस, यूपी पुलिस, आईजी को सीसीटीवी वीडियो ट्वीट कर इंसाफ की गुहार लगाई है. मामले के तूल पकड़ने के बाद आईजी के आदेश पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने एसपी देहात कमलेश बहादुर को जांच सौप दी है. 


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