मुरादाबाद: गुरुवार को मुरादाबाद में पत्रकारों पर हुए हमले की घटना से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पलट गए हैं. पत्रकारों को पिटवाने की बात कैमरे पर स्वीकार करनेवाले अखिलेश ने रामपुर में अलग बयान दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुरादाबाद में उनके ऊपर हमले की तैयारी थी. ये सरकार और पत्रकारों की तरफ से साजिश जानबूझकर रची गई थी. उन्होंने बंगाल में ममता बनर्जी पर हुए हमले की तुलना करते हुए खुद के लिफ्ट में फंसे रहने का मुद्दा उठाया.
पत्रकारों पर पिटाई की बात से पलटे अखिलेश यादव
उन्होंने मांग की कि लिफ्ट में लाइट जाने के मामले की जांच प्रशासन करे. उनका कहना है कि चुनाव करीब आने के साथ ही बीजेपी और सरकार के लोग हमला कराएंगे. इस बीच, मुरादाबाद प्रकरण पर पत्रकारों ने अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है और पुलिस ने घटना की जांच भी शुरू कर दी है. आपको बता दें कि गुरुवार को अखिलेश यादव ने पत्रकारों को प्रेस कान्फ्रेंस में आने का खुद न्यौता दिया था.
पत्रकारों और सरकार पर साजिश का लगाया आरोप
अखिलेश तय समय पर प्रेस कांफ्रेंस में दो घंटे की देरी से पहुंचे. आरोप है कि उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते समय आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. पत्रकारों ने जब उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पारिवारिक संबंध और आजम खान पर सवाल पूछा, तो उनका गुस्सा भड़क गया. इसके बाद ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए शिवपाल यादव से जुड़ने के संकेत दिए.
अखिलेश यादव के मंच से उतरने पर सुरक्षा कर्मियों और समर्थकों ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी शुरू कर दी. इस दौरान एक पत्रकार घायल होकर गिर गया. उसने अखिलेश यादव से घटना की शिकायत की, तो अखिलेश यादव ने गुस्से में पत्रकारों पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप मढ़ दिया. उसके बाद अखिलेश यादव के कार्यकर्ता और सुरक्षागार्ड मीडिया कर्मियों पर टूट पड़े और दौड़ा दौड़ा कर पीटा. लगभग घंटे भर बाद मीडियाकर्मियों को पांच सितारा होटल से पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला.
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