Prayagraj News: साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद विवादित बयानबाजी पर गिरफ्तार किए गए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के बचाव में उतर आया है. अखाड़ा परिषद ने न सिर्फ यति नरसिंहानन्द के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं, बल्कि उन्हें कानूनी मदद मुहैया कराए जाने का भी ऐलान किया है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि यति नरसिंहानंद बेहद शांत प्रवृत्ति और सादगी के साथ रहने वाले संत हैं. उन्होंने वैसे तो कुछ भी गलत नहीं कहा. अगर उनकी जबान फिसल भी गई है तो यह बहुत गलत नहीं है. अगर जुबान फिसलने की वजह से उन्होंने हेट स्पीच कर दी तो भी उनकी गिरफ्तारी उचित नहीं है. सनातन धर्म के बारे में जब दूसरे लोग अनर्गल बयानबाजी करते हैं तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन महज जबान फिसलने भर से यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार कर लिया जाता है. यह भेदभाव है और कतई उचित नहीं है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि, अखाड़ा परिषद उन्हें हर संभव कानूनी मदद महिया कराएगा. हालांकि उनका कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी धर्म को एक दूसरे का सम्मान करने की जो नसीहत और कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया है, वह पूरी तरह सही है. संत महात्मा भी इस पर अमल करने का काम करेंगे.
'महाकुंभ में धर्म के नहीं, मानसिकता के आधार पर लगे रोक'
महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि महाकुंभ मेले में गैर सनातनियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाए जाने की मांग अखाड़ा परिषद ने नहीं की है. हिंदू मुसलमान सभी साथ मिलकर रहते हैं. अखाड़ों के तमाम काम मुस्लिम समुदाय के लोग ही करते हैं. महाकुंभ में धर्म के आधार पर नहीं बल्कि मानसिकता के आधार पर प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए. सनातन विरोधी मानसिकता के लोगों की एंट्री महाकुंभ में नहीं होनी चाहिए. महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक मेले में आने वाले सभी लोगों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होना चाहिए.
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