Terrorist Arrested: आतंकियों का कानपुर कनेक्शन आया सामने, पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे
यूपी एटीएस की टीम गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ कर रही है. पूछताछ में इन आतंकियों ने कई अहम खुलासे किए हैं.
लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के आतंकियों ने कानपुर कनेक्शन को लेकर कई राज खोले हैं. पूछताछ में सामने आया है कि दोनों आतंकवादी कानपुर कई बार आए थे. दोनों से बरामद हथियार कानपुर के ही एक इलाके से लेकर गए थे. इनके संपर्क में कई ऐसे लोग थे जो लगातार इनके मददगार बने हुए थे. यही नहीं कानपुर की एक यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर भी यूपी एटीएस के रडार पर आ गया है. अब तक कानपुर से यूपी एटीएस की टीम ने करीब 6 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
कानपुर के चमनगंज से खरीदी थी पिस्टल
आतंकियों से हुई पूछताछ में जो खुलासा हुआ है वो चौंकाने वाला है. एटीएस सूत्रों की मानें तो लखनऊ में पकड़े गए आतंकी संगठन अलकायदा के आतंकियों ने कानपुर के कई चक्कर लगाए थे. उनके पास से जो पिस्टल बरामद हुई है वो कानपुर के चमनगंज इलाके से खरीदी गई थी. बताया जा रहा है कि चमनगंज के एक हिस्ट्रीशीटर ने ही इन्हें पिस्टल मुहैया कराई थी. सूत्रों के मुताबिक पिस्टल बेचने वाले और बिचौलिए दोनों को एटीएस हिरासत में ले चुकी है. इनसे पूछताछ जारी है और जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. एटीएस आने वाले दिनों में पूछताछ के लिए कानपुर से हिरासत में लिए गए लोगों को आतंकियों का आमना-सामना भी करा सकती है.
पूछताछ में जो सामने आया है उसके मुताबिक कानपुर में हिरासत में लिए गया बिल्डर राजनीतिक दल से भी जुड़ा रहा है. सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन में यह बिल्डर और उसकी पत्नी शामिल भी रहे. इन पर केस भी दर्ज हुआ है. लखनऊ एटीएस की टीम उनसे पूछताछ कर पता लगा रही है कि उसने सीएए के प्रदर्शन में फंडिंग की थी या नहीं. एटीएस की टीम बिल्डर समेत अन्य संदिग्धों के बैंक खाते भी खंगाल रही है.
सूत्रों की मानें तो बिल्डर के खाते में बड़े लेन-देन का रिकॉर्ड मिला है. लाखों रुपये एक-एक कर इधर से उधर किए गए. इनका इस्तेमाल कहां किया गया इसका पता लगाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि सीएसजेएमयू के प्रोफेसर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. सूत्रों की मानें तो मिनहाज खुद को कभी-कभी प्रोफेसर तक बता देता था. यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर से उसके लिंक मिले हैं. इन दोनों के बीच में कुछ कॉल्स के अलावा व्हाट्सएप कॉल्स के जरिए बातचीत के भी सबूत मिले हैं.
पूछताछ में ये भी सामने आया है कि इनमें से दो संदिग्धों पर आतंकियों को सिम कार्ड सप्लाई करने की सूचना थी. बिल्डर आर्थिक तौर पर इनकी मदद करने में शक के घेरे में है. बिल्डर के 13 बैंक खातों के बारे में पता भी चला है. इनके इन खातों में विदेशों से पैसा भी आने की बात सामने आ रही है. एटीएस की टीम ने जाजमऊ और चमन गंज के हुमायूंबाग़ और पेज बाग में छापेमारी कर चार संदिग्धों को उठाया था और इन्हें लेकर टीम लखनऊ रवाना हो गई थी. एटीएस बैंक डिटेल के आधार पर पता लगा रही है कि पैसा भेजने वाला कौन है और बिल्डर से क्या इसके संबंध रहे हैं. यदि फ्लैट खरीदने के नाम पर पैसा भेजा तो बिल्डर ने उसे कौन सा फ्लैट दिया यदि फ्लैट नहीं दिया तो पैसा कहां से पाया गया.
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