Aligarh News: कहने को अलीगढ़ को ताले और तालीम के नाम से विश्व में पहचान मिलती है लेकिन अलीगढ़ में धार्मिक मंदिरों की अगर बात कही जाए तो यहां के धार्मिक मंदिर भी अपने आप में अपना अलग महत्व रखते हैं. देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाला गिलहराज जी का मंदिर सबसे ज्यादा चर्चित है. इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहाँ हनुमान जी स्वयंम गिलहरी के रूप में विराजमान है. इस मंदिर की प्राचीनता व आस्था को लेकर यहां भक्त दूर-दराज से आते हैं और इस मंदिर पर माथा टेकते हैं. यहां संकटमोचन भगवान हनुमान जी की गिलहरी के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है. यह मंदिर अलीगढ़ बस स्टैंड से महज एक किलोमीटर दूर अचल ताल पर स्थित है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री राम के साथ हनुमान जी ने आराम नहीं किया. उन्होंने गिलहरी का रूप धारण कर समुद्र पर पुल बनवाने में श्री राम की सहायता की थी. ऐसा देख भगवान श्री राम ने गिलहरी रूप हनुमान जी के ऊपर अपना हाथ फेरा. भगवान के हाथ की वही लकीर आज भी गिलहरी के पीठ पर देखी जाती हैं. वहीं अलीगढ़ के पास अचल ताल में स्थित हनुमान जी गिलहरी के रूप में गिलहराज जी मंदिर में विराजमान हैं.
होली पर होते हैं यहां भव्य कार्यक्रम लठमार होली में आते हैं अन्य राज्यों से लोग
गिलहराज मंदिर पर होली के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. कई वर्षों से चले आ रहे इस कार्यक्रम में रंगभरनी एकादशी के पावन पर्व पे श्याम बाबा की विशाल निशान यात्रा निकाली जाती है. जिसमें कि सभी श्याम प्रेमी पीले वस्त्रों में केसरिया रंग की श्याम ध्वजा लेकर चल रहे थे. जिसमें की इत्र बरसा और गुलाल के साथ वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के साथ देहली व चन्दौसी से आये मधुर ढोल में साउंड के साथ सभी श्याम प्रेमी नाचते झूमते गाते है,निशान यात्रा का शुभारंभ पर बाबा का शृंगार ऐसा लग रहा था कि कि बाबा साक्षात खाटू से आज भक्तों की सुनने के लिए बैठे हैं.
मंदिर के महंत योगी कौशल नाथ जी बताते है इस कार्यक्रम में विशेष मंदिर की टीम के करीब 200 सदस्य बाबा की पालकी के एवं निशान वितरण के कार्य में लगाए जाते है, जो कि अपने कार्य को विशेष रूप से अंजाम देते है. वहीं दूसरी और लठमार होली को लेकर यहां पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसमें अलीगढ़ की पूर्व मेयर शकुंतला भारतीय सहित आसपास राज्य के दर्जनों लोग इस लठमार होली में हिस्सा लेते हैं.
बरसाने की तर्ज पर मनाई जाती है होली
उन्होंने कहा कि, इस कार्यक्रम की प्राचीन विशेषता बताई जाती है. इस होली में शामिल होने के लिए लोग कई महीनो का इंतजार करते हैं. बरसाने की तर्ज पर यह होली मनाई जाती है मंदिर की आधुनिक प्राचीनता को लेकर इस मंदिर को अपार शक्तियों का स्रोत बताया जाता है यही कारण है इस मंदिर की अलीगढ़ के मंदिरों में प्राचीन विशेषता है आज भी लठमार होली के कार्यक्रम में लोगों ने जमकर इसका लुत्फ उठाया है.
ये भी पढ़ें: UP Weather News: यूपी में बे मौसम बारिश से फसलों को हुआ नुकसान, कुशीनगर में आकाशीय बिजली गिरने से किसान की मौत