Madrasa Survey: अलीगढ़ में किसी मदरसे से छात्र नदारद तो किसी का नहीं है कोई नाम, सर्वे में हो गए फेल
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में गैर-मान्यताप्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू हो चुका है. आज अलीगढ़ में मदरसा सर्वे का दूसरा दिन था. यहां सर्वे के दौरान मदरसा संचालकों से कई सवाल पूछे गए.
UP News:अलीगढ़ (Aligarh) में आज मदरसा सर्वे (Madrasa) का दूसरा दिन है. डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Minority Affairs Department), बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) और संबंधित तहसील की टीमें बनाकर सर्वे के निर्देश दिए हैं.अलीगढ़ प्रशासन द्वारा बनाई गई विभागों की सयुंक्त टीम नगला पटवारी क्षेत्र के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में सर्वे का काम कर रही है. टीम सबसे पहले गैर मान्यता प्राप्त मदरसा फैजान-ए-नूरआन में पहुंची, वहां पर छात्र तो नहीं मिले लेकिन मदरसा संचालक मिले. एक अन्य मदरसा में गए तो जिसका नाम नहीं था और वह मस्जिद द्वारा संचालित था.
कोविड के कारण बंद हुआ था मदरसा
फैजान-ए-नूरआन के मौलाना मकसूद आलम ने बताया कि कोविड-19 के कारण सरकार की ओर से मदरसा बंद किया गया था उसके बाद से आर्थिक समस्या की वजह से चालू नहीं कर पाए थे. अभी हमने 1 तारीख से दोबारा मौलाना साहब को रखकर इसे शुरू किया है. हमारे यहां मेरे अलावा एक और मौलाना साहब हैं. हमारे पास करीब 16 बच्चियां हैं और 20 बच्चे हैं. हमे सरकार से कोई फंड नहीं मिलता. जो लोग दुआ करने आते हैं, वो जो दे देते हैं उसी से चलता है.
छोटे बच्चों को पढ़ाया जा रहा हिंदी और अंग्रेजी
दूसरा मदरसे का कोई नाम नहीं था और वह अक्सा मस्जिद के द्वारा संचालित था. वहां के मौलाना मोहम्मद शाकिर ने बताया कि यह मदरसा मस्जिद के नाम से है. बच्चे कुरान की तालीम लेते हैं इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. यहां करीब 250 बच्चे हैं. यह बच्चे 10:00 बजे से पहले चले आते हैं. जो छोटे बच्चों को अलग से हिंदी और इंग्लिश सिखा देते हैं ताकि दूसरे स्कूलों में उनका एडमिशन हो जाए. इस मदरसा में चार-पांच शिक्षक हैं. लोगों के चंदे से मदरसा चलता है.
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मदरसा और छात्रों ने कही अलग-अलग बात
जांच टीम के एक अधिकारी लाल बहादुर द्विवेदी ने कहा कि एक मदरसा संचालक ने बताया कि यहां 300 बच्चे पढ़ते हैं. बच्चों का कहना है कि वे किसी अन्य विद्यालय में रजिस्टर्ड नहीं हैं. वहीं प्रबंधकों का कहना है कि आधे बच्चे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं. वह दोपहर के बाद मदरसा आते हैं. बच्चों को उर्दू और कुरान के साथ साथ हिंदी, अंग्रेजी और गणित की शिक्षा दी जाती है. यह आक्सा मस्जिद द्वारा संचालित है और जनता से चंदा लेकर इसका संचालन होता है. अधिकारी ने बताया कि मदरसा हमारे 11 मानकों पर खरा नहीं उतरता. यह गैर-मान्यता प्राप्त है और मान्यता के लिए आवेदन नहीं दिया गया है.
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