UP News: अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली समाजवादी पार्टी की महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम को अब समाजवादी पार्टी ने उनके पद से हटा दिया है. रुबीना ने पिछले दिनों ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बयान दिया था. एक वीडियो जारी कर रुबीना ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कहा था कि यदि यह साबित हो जाता है कि वहां पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी तो हमारे उलेमा, धर्मगुरु, कौम को उस जमीन को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए.
रुबीना ने इससे पहले हिजाब को लेकर भी बयान दिया था कि यदि कोई हमारे हिजाब पर हाथ डालेगा तो उसके हाथ काट दिए जाएंगे. दूसरा बयान रुबीना ने लाउडस्पीकर को लेकर कहा था कि मुसलमान समुदाय को छेड़ने की कोशिश ना करें, अगर ऐसा हुआ तो हम महिलाएं मंदिरों के बाहर बैठकर लाउडस्पीकर पर कुरान का पाठ करेंगे. जिस पर रुबीना के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला भी दर्ज हुआ था. अब रुबीना खानम को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से पार्टी की महिला विंग के अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष पद से हटा दिया है इससे संबंधित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने एक पत्र जारी किया है.
रुबीना खानम ने पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा
अपने को महानगर अध्यक्ष पद से हटाए जाने को लेकर रुबीना खानम ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रुबीना ने कहा, 'अभी अभी मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि एक लेटर मेरे पास आया है. जिसमें लिखा है कि पार्टी आपको आपकी अनुशासनहीनता को देखते हुए पद मुक्त करती है. यानी कि पार्टी ने मुझे मेरी अनुशासनहीनता के लिए पद मुक्त किया है. समझने की बात इसमें यह है कि राष्ट्र हित की बात करना, सभी समुदाय की बात करना, पूरे देश की बात करना, सच और इंसाफ की बात करना, मुसलमानों के साथ-साथ हिंदुओं की बात करना, उनके धर्म का सम्मान करना उनकी धार्मिक भावनाओं उनकी आस्थाओं का सम्मान करते हुए इस देश की बात करना , क्या यह अनुशासनहीनता कब से होने लगा. मुझे बड़ी हैरानी है इस बात की उन्होंने मुझे पद मुक्त सिर्फ इसलिए किया है कि मैंने अनुशासनहीनता की है तो मैं ऐसी अनुशासनहीनता बार-बार करना चाहूंगी.'
रुबीना ने खानम ने आगे कहा, 'सपा पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है और पार्टी मुझे रखेगी भी नहीं. आज पद से निकाला है कल पार्टी से निकाल देगी. इसलिए मैं ऐसी पार्टी में खुद नहीं रहना चाहती. मैं सच नहीं बोल सकती. अपने हिंदू भाइयों की बात नहीं कर सकती. अपने देश हित की बात नहीं कर सकती. जो भी मैंने इस पार्टी में रहते हुए तुष्टीकरण की राजनीति की. एक वर्ग विशेष की राजनीति की. लेकिन आज आत्म ज्ञान हुआ जब मेरे जमीर ने मेरी आत्मा ने मुझे झकझोरा तो मुझे लगा कि जिस देश में रहती हूं तो मुझे इस देश की बात करनी चाहिए. जिस देश का मेने नमक खाया है. मुझे किसी पार्टी की बात नहीं करनी चाहिए. मुझे अपने पूरे देश के अपने सभी भाइयों की बात करनी चाहिए. उसके लिए मुझे पार्टी से पदमुक्त कर दिया गया. सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस पार्टी में अपनी बहू का सम्मान ना हो सका. अपर्णा यादव का सम्मान ना हो सका. वह पार्टी मेरा क्या सम्मान करेगी. तो ऐसी पार्टी को उन्होंने मुझे पद मुक्त किया है लेकिन में ऐसी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से और अपना हर ताल्लुक तोड़ती हूँ. प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूँ और मैं ऐसी पार्टी में बिल्कुल भी नहीं रहना चाहूंगी. मुझे कभी कुर्सी का लालच ना था ना है. ना पद का लालच था ना है. मैं हमेशा से एक अच्छा काम करती रही हूं. में सपा पार्टी में रहकर अपने दिल की बात नहीं कह पाती थी. अपनी आत्मा की बात नहीं कर पाती थी. और राष्ट्र हित की बात नहीं कर पाती थी. इसका मुझे बहुत समय से अफसोस हो रहा था लेकिन मैंने अपने दिल की बात मानते हुए सच बोला तो मुझे उसकी सजा मिल गई यह सजा नहीं है.'
अलीगढ़ के जिला अध्यक्ष गिरीश यादव ने कही ये बात
वहीं, अलीगढ़ के जिला अध्यक्ष गिरीश यादव ने रुबीना खानम को हटाए जाने पर कहा कि समाजवादी पार्टी की महिला सभा की महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम लगातार कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान बाजी करती रही है. उनको बार-बार मना करने के बावजूद उन्होंने नहीं माना. इस कारण पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी ने संज्ञान लेते हुए उनको अपने पद से पद मुक्त कर दिया है. भविष्य में जो भी बयान देती है वह उनका निजी बयान माना जाएगा उसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.
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