Aligarh News: अलीगढ़ में ज्यादातर हो रही आलू की पैदावार के बाद अब एक और अध्याय अलीगढ़ के नाम जुड़ चुका है. जिसके बाद अलीगढ़ को एक नई उपलब्धि मिल चुकी है. वजह है आलू की खास पैदावार अलीगढ़ के क्षेत्र में अगर आलू की बात कही जाए तो आलू की पैदावार किसानों के द्वारा बड़ी तादाद में की जाती है. यही कारण है, यहां कोल्ड स्टोरेज काफी मात्रा में बने हुए हैं. लेकिन फिर भी हर रोज आलू के किसानों के द्वारा की जा रही है. आलू की पैदावार को लेकर कोल्ड स्टोरेज की डिमांड हर रोज बढ़ती नजर आ रही है. 


आलू के स्टोरेज की क्षमता फुल हो जाने के कारण किसान आलू को फेक देते हैं. लेकिन अब किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी मिल चुकी है.अब अलीगढ़ में पैदा होने वाले आलू को अलीगढ़  क्षेत्र में लगने वाली कंपनियों के द्वारा ही खरीदा जा रहा है. जिसके बाद आलू को पाउडर के रूप में तब्दील करने के बाद उन्हें विदेशों में भेजा जा रहा है. इन कंपनियों का करार विदेश से हुआ है, जिसके चलते यहां के किसानों से आलू खरीदने के बाद यह कंपनी पाउडर का निर्माण करती हैं. जिनको विदेशों के लोगों के द्वारा पाउडर को अलग-अलग व्यंजनों में प्रयोग किया जाता है. 


अब क्या क्या बन रहा आलू के पाउडर से 
कहने को तो आलू सब्जियों का सरदार माना जाता है, लेकिन अगर स्वाद की बात कही जाए तो आलू से बनने वाले तमाम स्वादिष्ट उत्पादन में आलू का बहुत बड़ा रोल होता है. चाहे वह फास्ट फूड की बात कही जाए या फिर अन्य स्वादिष्ट जायकों की बात कही जाए बिना आलू के सब कुछ अधूरा लगता है. विदेश की अगर बात कही जाए तो विदेश में आलू का प्रयोग पाउडर के द्वारा किया जाता है. जो कि बर्गर, कटलेट, पराठे और टिक्की व नमकीन में भी यहां के आलू का स्वाद है साफ तौर पर नजर आएगा. 


 75 टन आलू का रोज पाउडर बनाया जा रहा
विदेशों की अगर बात कही जाए तो अब तक इस्राइल, ब्राजील और इंडोनेशिया सहित पांच देशों में यहां का आलू पाउडर के रूप में तब्दील करजे भेजा जा रहा है और अलीगढ़ को नई पहचान मिल रही हैयअलीगढ़ में अभी 75 टन आलू का रोज पाउडर बनाया जा रहा है. लेकिन कई दूसरे कारोबारी भी इस तरफ बढ़ रहे हैं. अब माना जा रहा है कि 2025 तक आलू स्व पाउडर बनाने वाली तीन और कंपनियां अलीगढ़ में शुरू हो जाएंगी. जिससे अलीगढ़ में आलू की पैदावार करने वाले किसानों की तादाद भी बढ़ेगी.


50 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती 
अब तक 30245 हेक्टेयर और हाथरस में 50 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती हो रही है. चिप्स बनाने वाली कई नामचीन कंपनियां भी यहां से आलू की खरीद करती हैं. अगर बात वर्ष 2018 की कही जाए तो दक्षिण अमेरिका के गुयाना में अलीगढ़ से 29 टन आलू का निर्यात किया गया था. यह निर्यात एफपीओ के माध्यम से हुआ था. जिसके बाद से ही आलू के किसानों में बढ़ोत्तरी मिलती रही 


क्या कहते है कंपनी के मालिक
पूरे मामले पर आलू से पाउडर का निर्माण करने वाली कंपनी के मालिक अतुल ने बताया कि उनकी कंपनी में रोजाना 75 टन आलू का पाउडर का निर्माण करती है. सबसे पहले कोल्ड स्टोर से आने के बाद आलू को पानी से धोया जाता है इसके बाद आलू को छीला जाता है. फिर आलू को धोया जाता है. इसके बाद उसको उबालकर उसे पीसा जाता है. फिर सुखाकर उसका पाउडर बनता है. इस पाउडर को किसी भी व्यंजन में प्रयोग किया जा सकता है. इसकी कीमत 120 से 130 रुपये किलो तक होती है. जो कि अच्छे दाम है जबकि आलू की कीमत 20 से 30 रुपये प्रति किलो बाजार में होती है,


क्या बोले जिला उद्यान अधिकारी शिवानी
पूरे मामले को लेकर जिला उद्यान अधिकारी शिवानी के द्वारा बताया कि आलू के उत्पाद लगातार बढ़ रहे हैं लिहाजा मांग भी उसी तरह बढ़ रही है फिलहाल अलीगढ़ में आलू का रकबा- 30245 हेक्टेयर है,किसानों को पैदावार के लिए विभाग के द्वारा सहयोग किया जाता है ,वहीं अगर हाथरस की बात कही जाए तो हाथरस में आलू का रकबा-50, 000 हेक्टेयर है साथ ही अगर बात अलीगढ़ और हाथरस में कोल्ड स्टोर की कही जाए तो -ल 256 भंडारण क्षमता  22 लाख मीट्रिक टन है,आलू की पैदावार में हर रोज बढ़ोत्तरी हो रही है,और आलू के किसान भी उत्साहित है.


ये भी पढ़ें: Semicon India 2024: सेमीकंडक्टर उद्योग का 3 दिवसीय महाकुंभ हुआ शुरू, PM मोदी और CM योगी की मौजूदगी में हुआ शुंभारभ