डल्लेवाल के आंदोलन को मिला यूपी के किसानों का समर्थन, पंजाब जाएंगे किसान, किया बड़ा ऐलान
पंजाब में चल रहे आंदोलन को लेकर अलीगढ़ में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भूदेव प्रसाद शर्मा ने पंजाब बॉर्डर की ओर कूच करने का ऐलान किया है. सरकार किसान की मांगे पूरी करे.

Aligarh News: अलीगढ़ में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भूदेव प्रसाद शर्मा ने पंजाब बॉर्डर की ओर कूच करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि हजारों किसान, भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले, उत्तर प्रदेश से पंजाब बॉर्डर की ओर प्रस्थान करेंगे. इस आंदोलन की तैयारियां जोरों पर हैं. हाल ही में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें निर्णय लिया गया कि जल्द ही किसानों का एक बड़ा समूह उत्तर प्रदेश से पंजाब की ओर रवाना होगा.
पंजाब में चल रहे आंदोलन का मुख्य उद्देश्य एमएसपी कानून को लागू कराना है. यह मांग लंबे समय से उठाई जा रही है, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है. किसान नेता जगदीश सिंह डल्लेवाल ने लगभग 50 दिनों से भी अधिक समय से अनशन और विरोध प्रदर्शन जारी रखा है. उनकी मांगों को लेकर अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है. इस अनदेखी के चलते भारतीय किसान यूनियन टिकेट ने यह फैसला किया है कि उत्तर प्रदेश के किसान भी इस आंदोलन में शामिल होकर इसे मजबूती प्रदान करेंगे.
किसानों की समस्याओं को अनेदेखा किया जा रहा है- भूदेव प्रसाद शर्मा
पंजाब में जगदीश सिंह और उनके समर्थकों के नेतृत्व में किसान एमएसपी कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस कानून के जरिए किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है. आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि उनकी मांगें जायज हैं और इन्हें जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. हालांकि, इतने लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बावजूद सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. भूदेव प्रसाद शर्मा ने बताया कि यह आंदोलन अब केवल पंजाब तक सीमित नहीं रहेगा. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, और अन्य राज्यों के किसान भी इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार ने किसानों की समस्याओं को अनदेखा किया है और उनकी मांगों को बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है. किसानों के हितों की अनदेखी ने इस विरोध को और तेज़ कर दिया है.
अलीगढ़ में आयोजित एक विशेष बैठक में, किसान नेताओं ने आगे की रणनीति पर चर्चा की. इसमें यह तय किया गया कि उत्तर प्रदेश से हजारों किसान पंजाब की ओर कूच करेंगे और आंदोलन को और ताकत देंगे. भूदेव प्रसाद शर्मा ने इस बैठक में बताया कि सरकार की उदासीनता के कारण किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अब एक राज्य विशेष का नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों का आंदोलन बन चुका है.
'ये अंदोलन किसानों के अधिकारों की लड़ाई है'
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि सरकार बार-बार किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है. किसानों ने जो वादे सरकार से किए थे, उन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया. एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी रूप से लागू करने की मांग भी अभी तक अधूरी है. भूदेव प्रसाद शर्मा ने कहा कि यह आंदोलन किसानों के अधिकारों की लड़ाई है. उन्होंने बताया कि किसान लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. सरकार की बेरुखी ने किसानों को मजबूर कर दिया है कि वे देशव्यापी आंदोलन शुरू करें.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान इस बार बड़े स्तर पर पंजाब जाकर आंदोलन का समर्थन करेंगे. यह आंदोलन केवल पंजाब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में इसकी लहर फैल जाएगी. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. भूदेव प्रसाद शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, "किसान हमारे देश की रीढ़ हैं, लेकिन मौजूदा सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है. एमएसपी कानून लागू करने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
'किसान आंदोलन की बढ़ती अहमियत'
किसानों के इस आंदोलन ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है. किसान नेता स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और तेज़ होगा. उत्तर प्रदेश के किसानों का पंजाब में चल रहे आंदोलन में शामिल होना इस बात का संकेत है कि यह केवल क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय महत्व का आंदोलन बन चुका है. भूदेव प्रसाद शर्मा ने कहा कि "यह आंदोलन अब केवल किसानों तक सीमित नहीं रहेगा. यह हर उस नागरिक का आंदोलन है, जो न्याय और अधिकारों की लड़ाई में हमारा समर्थन करता है." उन्होंने सभी किसान संगठनों से अपील की कि वे इस आंदोलन को समर्थन दें और सरकार पर दबाव बनाने में योगदान करें.
इसके अलावा, किसानों की अन्य प्रमुख मांगें भी पूरी नहीं की जा रही हैं. यही कारण है कि किसान बार-बार प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं. "उन्होंने आगे कहा कि "पंजाब में जगदीश सिंह और उनके समर्थक पिछले 50 दिनों से भी अधिक समय से अनशन पर बैठे हैं. उनकी मांगों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. हम यह संदेश देना चाहते हैं कि यह आंदोलन अब और अधिक व्यापक होगा. पंजाब में चल रहे आंदोलन को ताकत देने के लिए उत्तर प्रदेश से हजारों किसान कूच करेंगे."
'मांगे पूरी न होने पर पंजाब रवाना होंगे'
हालांकि, इतने बड़े स्तर पर आंदोलन करना आसान नहीं होगा. सरकार और प्रशासन की ओर से इसे रोकने के प्रयास किए जा सकते हैं. इसके बावजूद, किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे. भूदेव प्रसाद शर्मा ने कहा कि "हमारा उद्देश्य किसी से टकराव करना नहीं है, बल्कि अपनी जायज़ मांगों को सरकार तक पहुंचाना है. यदि सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी, तो हमें मजबूरन बड़े कदम उठाने पड़ेंगे. अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश से किसान जत्थे के रूप में पंजाब रवाना होंगे. उनके साथ ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य साधनों से बड़ी संख्या में किसान जुड़ेंगे.
यह आंदोलन न केवल पंजाब सरकार पर, बल्कि केंद्र सरकार पर भी दबाव बनाने का काम करेगा. भूदेव प्रसाद शर्मा ने यह भी कहा कि "हमारे आंदोलन का उद्देश्य केवल मांगें पूरी करवाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में किसानों के अधिकारों की अनदेखी न हो. सरकार को यह समझना होगा कि किसान इस देश की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं, और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर होना चाहिए."
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