अलीगढ़: बेसिक शिक्षा विभाग में हुआ बड़ा घोटाला, 12 BSA समेत 61 अधिकारी और कर्मचारी शामिल, FIR दर्ज
अलीगढ़ में 30 खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) तैनात रहे, जिन पर भी अनियमितताओं का संदेह है. कई अधिकारियों ने इस दौरान मनमाने तरीके से शिक्षकों के जीपीएफ खातों से धनराशि निकाली और निजी उपयोग में लगा दी.

Aligarh News: अलीगढ़ में बेसिक शिक्षा विभाग में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 10 वर्षों तक जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) के नाम पर करोड़ों रुपये का हेरफेर किया गया. इस घोटाले में 12 बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) समेत कुल 61 अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने की पुष्टि हुई है. शासन द्वारा कराई गई जांच में यह बड़ा घोटाला सामने आया, जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया.
यह मामला 2020 में तब सामने आया जब टप्पल के शिक्षक जगदीश प्रसाद के खाते में संदिग्ध लेन-देन देखा गया. उनके खाते में 35 बार में कुल 34 लाख रुपये भेजे गए, जिससे अनियमितता का अंदेशा हुआ. जब इसकी गहराई से जांच हुई तो यह स्पष्ट हुआ कि केवल एक शिक्षक ही नहीं, बल्कि कुल 520 शिक्षकों के जीपीएफ खातों से करोड़ों रुपये निकाले गए हैं. जांच के दौरान अधिकारियों और पटेल लिपिकों की संलिप्तता पाई गई. इस मामले में दो बाबुओं को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि अन्य पर सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है.
कब और कैसे हुआ घोटाला
घोटाले की अवधि 2003 से 2013 के बीच की मानी जा रही है. इस दौरान अलीगढ़ में 30 खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) तैनात रहे, जिन पर भी अनियमितताओं का संदेह है. कई अधिकारियों ने इस दौरान मनमाने तरीके से शिक्षकों के जीपीएफ खातों से धनराशि निकाली और निजी उपयोग में लगा दी.
बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) दिनेश सिंह, पुष्पा सिंह, मोहम्मद अल्ताफ अंसारी, मनोज कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, एस.पी. वर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, एस.पी. यादव, संजय शुक्ला, धीरेंद्र यादव, डॉ. लक्ष्मी पांडे सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले में तत्कालीन बीएसए ने 12 बीएसए सहित तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर केस दर्ज कराया है.
सपा सांसद जिया उर रहमान की मुश्किलें बढ़ी, जांच के लिए कमेटी गठित, 3 दिन में सौंपनी है रिपोर्ट
कितनी राशि का हुआ गबन?
अब तक की जांच में 520 शिक्षकों के जीपीएफ खातों से करीब 5 करोड़ रुपये की हेराफेरी होने की पुष्टि हुई है. हालांकि, यह राशि बढ़ भी सकती है क्योंकि जांच अभी भी जारी है. शासन की ओर से इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. कई जिलों में इस घोटाले की गूंज सुनाई दे रही है क्योंकि तत्कालीन कई बीएसए अब यूपी के अन्य बड़े पदों पर तैनात हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार ने कहा, "यह बेहद गंभीर मामला है. सरकारी कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से धन की चोरी करना गंभीर अपराध है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा." फिलहाल दो बाबू बर्खास्त किए गए हैं, 12 बीएसए समेत 61 अधिकारियों और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
अलीगढ़ के बन्ना देवी थाने में केस दर्ज किया गया. 520 शिक्षकों के खातों की जांच जारी है. वहीं शासन ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं. जांच एजेंसियां अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. संभावना है कि कुछ और बड़े नाम इस घोटाले में सामने आएं. यदि घोटाले में दोषी पाए गए अधिकारियों ने गलत तरीके से अर्जित संपत्ति बनाई है तो सरकार उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकती है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
