(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अलीगढ़ में BJP नेताओं के दो गुट ने थाने में भिड़े, पुलिस ने किया बाहर, जानें क्या थी वजह
UP News: अलीगढ़ में पटाखा बाजार बीजेपी के दो गुट आपस भिड़ गए, हंगामे सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को अपने साथ थाने ले आई, जहां समर्थकों ने थाने में हंगामा कर तोड़फोड़ कर दी.
Aligarh News: अलीगढ़ जिले के बन्ना देवी थाना क्षेत्र में हुई, जहाँ प्रदर्शनी मैदान में लगे पटाखा बाजार में भाजपा के दो गुटों के बीच मामूली बहस के बाद स्थिति काफी बिगड़ गई. पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया और विवादित पक्षों को थाने बुलाया गया ताकि वहां मामले को सुलझाया जा सके. थाने में पहुँचने के बाद भी दोनों पक्षों के बीच की बहस शांत नहीं हुई. इंस्पेक्टर के कमरे में, जहां दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बैठाया गया था, एक बार फिर से तनाव बढ़ गया. मामूली तर्क-वितर्क का स्तर इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों के बीच हाथापाई होने लगी.
इस दौरान कई लोग इतने आक्रोश में थे कि उन्होंने थाने में लगे शीशों को तोड़ दिया. देखते ही देखते थाने के अंदर हंगामा और तोड़फोड़ शुरू हो गई. वहीं मामला बढ़ता देख पुलिस ने दोनों गुटों को थाने से खदेड़कर बाहर निकाल दिया. दूसरी ओर इस तरह की घटना ने अलीगढ़ पुलिस और कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. हंगामे और मारपीट के बाद भी दोनों गुटों के बीच आपसी समझौता नही हुआ. जबकि स्थानीय लोग इस घटना की गंभीरता को समझते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं.
सपा नेता ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाये सवाल
पूरे मामले को लेकर सपा नेता अज्जू इशहाक का कहना है कि, इस प्रकार की घटनाएं पुलिस की निष्क्रियता और लचर व्यवस्था को दर्शाती हैं. क्योंकि इस घटना में किसी पर भी सख्त कार्रवाई नहीं की गई. इस तरह की घटनाओं का कोई सख्त परिणाम न होना केवल उपद्रवियों का मनोबल बढ़ाने का काम करता है. ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई न होना समाज में एक गलत संदेश भेजता है. इस घटना के बाद जनता में सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ गया है, जोकि इस तरह की घटनाओं को रोकने में असमर्थ प्रतीत हो रहे हैं.
पुलिस थाने में सुरक्षा और शांति भंग करने वालों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है. सपा नेताओं का कहना है, इस प्रकार की घटनाओं के प्रति एक सख्त और निष्पक्ष रवैया अपनाना आवश्यक है. जनता के बीच पुलिस और कानून के प्रति विश्वास बहाल करना सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए.
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