UP News: अलीगढ़ (Aligarh) में ऊपर कोर्ट स्थित जामा मस्जिद (Jama Masjid) को लेकर खुलासा करने वाले आरटीआई (RTI) एक्टिविस्ट केशव देव ने अब मुख्यमंत्री को एक पत्र लिख है. पत्र में उन्होंने जामा मस्जिद की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है. केशव देव का कहना है कि जामा मस्जिद जिस जगह पर बनी है, वह पूर्व में हिंदू राजाओं का किला रहा है. इस पर एक समुदाय द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है. आरटीआई में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि यह सार्वजनिक संपत्ति है. इस पर किसी व्यक्ति विशेष का हक नहीं है.
क्या मांगी गई थी जानकारी
दरअसल, अलीगढ़ के प्रतिभा कॉलोनी के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता केशव देव ने नगर निगम से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. उन्होंने पूछा था कि अलीगढ़ की ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद किस भूमि पर बनी है और उस मस्जिद पर मालिकाना हक किसका है. जिसके जवाब में नगर निगम ने केशव देव को लिखित में सूचना दी कि यह मस्जिद सार्वजनिक जमीन पर बनी है.
इस पर किसी व्यक्ति विशेष का मालिकाना हक नहीं है. इसके बाद केशव देव ने डीएम अलीगढ़ को एक पत्र लिख उक्त भूमि को मुक्त कराने की मांग की थी. अब केशव देव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जामा मस्जिद की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.
क्या बोले आरटीआई कार्यकर्ता
केशव देव ने बताया कि जामा मस्जिद को लेकर नगर निगम से जन सूचना प्राप्त हुई थी. उसको लेकर मैंने जिलाधिकारी को पत्र भेजा था. अब हमने मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा है. उसमें यह मांग की है कि यह जो जामा मस्जिद ऊपरकोट किला है, इस किले पर जो जामा मस्जिद बनी हैं वह पूर्व राजा बुद्धसेन और मंगलसेन रहे हैं. उन्हीं के नेतृत्व में राजा बुद्ध सेन के द्वारा यहां मीनारों का निर्माण कराया गया था. जिसे वह मस्जिद के नाम से जाना जाता है.
उन्होंने बताया कि 1753 में महाराजा सूरजमल यहां के राजा रहे हैं. उन्होंने रामगढ़ अलीगढ़ का नाम रखा था. उसी की निशानी ऊपरकोट किला तो था एक यूनिवर्सिटी बोना चोर के नाम से किला है. उसका भी निर्माण कराया था. उससे मालूम पड़ता है कि वहां महाराजाओं के अवशेष भी हैं. राजाओं की कलाकृतियां भी हैं और हिंदू सनातन धर्म के ऋषी रहे हैं. विश्वामित्र और चाणक्य की कर्मभूमि रही है. उस हिसाब से वो पूर्ण रूप से हिंदू राजाओं की संपत्ति और राष्ट्रीय धरोहर है.
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