Aligarh News: अलीगढ़ में 6 मई 2006 आज से करीब 18 साल पहले हुई समाजवादी पार्टी नेता की गोली मारकर हत्या के मामले में अदालत ने सुबूतों और गवाहों के आधार पर पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने एक आरोपी के फरार हो जाने के बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है.


बताया जाता है राजनीतिक गलियारों में आज से 18 वर्ष पहले राजनीतिक उतार चढ़ाव को लेकर एक दूसरे में राजनीतिक का दबंग बने रहने की जिद चल रही थी, जिस अंदाज में युवक की हत्या की गई थी उसको लेकर कई दिन से युवक की रैकिंग की जा रही थी और युवक को मौत के घाट उतारने का प्लान पूरे तरीके से तैयार हो चुका था. जरूरत थी उस युवक को सही समय पर एक ऐसी जगह पर आने की जिससे आराम से उसे ठिकाने लगाए जा सके.


साजिश के तहत की थी हत्या
इस दौरान जिस युवक के द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया. वह बरला के गांव परौरा निवासी था जिसका नाम मकदूम था उसके द्वारा पूरे घटना क्रम को लेकर जानकारी देते हुए बताया आज से करीब 18 वर्ष पहले 6 मई 2006 के शाम के करीब पौने पांच बजे वह सपा नेता व विकार के साथ कस्बा छर्रा बाजार में आये हुए थे, काम पूरा करने के बाद वह छर्रा से निकलने वाले थे. तभी वहां पहले से मौजूद  मुशीर व नसीम उन्हें मिले जिंनके द्वारा विकार को किसी काम का झांसा देकर अपने घर की गली की तरफ ले गए. जहां प्लान के तहत कुछ लोग घात लगाए बैठे  मुजाहिद गुड्डू, खालिद, शान मियां, जावेद ने एकराय होकर सामने ही गोली मारकर विकार का कत्ल कर दिया. 


हत्या करने के बाद आरोपी गाड़ियों में सवार होकर मौके से फरार हो गए, उसके द्वारा पीछा करने की कोशिश की तब तक आरोपी मौके से फरार हो चुके थे. मुकदमे के वादी मकदूम गोली से गम्भीर घायल हुए विकार को कस्बे के ही नर्सिंग होम लेकर गए. जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. पूरे मामले को लेकर उस दौरान छर्रा कस्बे में अफरा तफरी मच गई. आनन फानन में मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया सबूतों व विवेचना के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा दो बार में चार्जशीट दायर की.


न्यायालय में लंबे समय तक तारीख चलीं जिसमें सबूत व गवाही के आधार पर 12 जुलाई को फैसले की तारीख तय की गई. इस मौके पर नामजद आरोपी मुशीर को छोड़कर सभी 5  आरोपी कोर्ट में हाजिर हुए अदालत ने पूरे मामले में सभी छह को दोषी करार दिया पांचों आरोपियों को अदालत के द्वारा जेल भेजा गया. वहीं अदालत ने  मुशीर के फरार होने के चलते उसे भगोड़ा घोषित करते हुए उसके वारंट जारी कर दिए,


कब हुआ सजा का निर्णय
16 जुलाई को सभी आरोपियों की पेशी की तारीख नियत की थी. पांचों आरोपी कोर्ट में पेश किए गए मगर एक आरोपी मुशीर हाजिर नहीं हुआ. इस दौरान सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के सामने अपना निर्णय सुनाते हुए पांचों आरोपियों  को उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही पांचों आरोपियों को बीस-बीस हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया गया है . वहीं एक आरोपी मुशीर को फरार घोषित करते हुए अदालत के द्वारा आर्म्स एक्ट के अपराध से आरोपी को बरी किया है. वहीं , हत्या में वह अन्य 5 आरोपियों की तरह 16 जुलाई को ही दोषी करार दिया जा चुका है. विकार हत्याकांड में कुल 6 लोगों को दोषी पाया गया है जिनको आजीवन कारावास व 20 बीस हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया है.


पूरे मामले को लेकर चौ.जितेंद्र सिंह, डीजीसी फौजदारी के द्वारा बताया गया उपरोक्त 18 वर्ष पहले मुकदमे में जो अदालत का निर्णय आया है वह स्वागत के योग्य है, इस मुकदमे में कुछ गवाहों की मृत्यु पहले ही हो चुकी है. मगर, वादी व उसके भाई की गवाही को ही हत्या का मजबूत आधार अदालत के द्वारा माना गया. पुलिस के द्वारा की गई विवेचना को भी आधार मानते हुए अदालत के द्वारा यह सजा सुनाई गई है. एक अपराधी अदालत के द्वारा फरार घोषित किया जा चुका है. जिसको लेकर अदालत की ओर से वारंट जारी किए है. अदालत का फैसला महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है.


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