Aligarh Crime News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में फर्जी कागजात तैयार करा कर फाइनेंस कंपनियों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है. पांच आरोपियों के कब्जे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड सहित फाइनेंस कंपनियों से फर्जी तरीके से खरीदे गये सामान भी बरामद किये हैं.


थाना सिविल लाइन पुलिस को लगातार फाइनेंस कंपनी द्वारा शिकायत मिल रही थी की कुछ लोगों द्वारा कम्पनी से फाइनेंस किये गए सामान की किश्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है.


डाउन पेमेंट जमा करके ले लेते थे सामान 


शिकायत का तत्काल संज्ञान लेते हुए पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो उसमें प्रथम दृष्टया पाया की इस गैंग द्वारा फर्जी दस्तावेज जैसे आधार  कार्ड, पेन कार्ड आदि तैयार करवा कर कंपनियों से फाइनेंस करवाया जाता था,जब फाइनेंस कंपनी द्वारा फाइनेंस उपलब्ध हो जाता था तो उसके बाद डाउन पेमेंट जमा करके सामान ले लेते थे.


उसके बाद इस गैंग द्वारा फाइनेंस की गई रकम की सिर्फ एक ही किस्त का भुगतान कंपनी को किया जाता था, इसके बाद ये लोग फरार हो जाते थे. इस तरह के कई मामले पुलिस के पास पहुंचे जिसको लेकर पुलिस एक्शन में आई और इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है.


वही पकड़े गए इन आरोपियों के कब्जे से 97 आधार कार्ड, 66 पैनकार्ड, 17 एटीएम कार्ड, 3 पहचान पत्र, 7 बैंक पासबुक,19 सिम कार्ड, 6 मोबाइल, 14 मुहर, ठगी का लाखों रुपये का सामान पुलिस द्वारा बरामद किया गया है.


कुलदीप सिंह गुनावत एसपी सिटी ने बताया कि थाना सिविल लाइन पुलिस को शिकायत मिली थी कि फाइनेंस पर इलेक्ट्रॉनिक का सामान लेकर उसकी किस्त नहीं चुकाई जा रही है, उस सूचना का संज्ञान लेते हुए तफ्तीश की गई तो एक गैंग का खुलासा हुआ.


जो कि फाइनेंस लेने के बहाने फर्जी कार्ड और फर्जी आईडी के बहाने फाइनेंस कर सामान लेकर उसकी एक किस्त चुका के बाकि सामान को बेचने का कार्य करता था, इसमें पांच व्यक्ति अभी गिरफ्तार गए हैं उनके  पास से एक एसी जो कि इन्होंने फाइनेंस पर लिया था, दो प्रिंटर जिनसे ये नकली आईडी बनाते थे,  साथ ही इनसे  97 आधार कार्ड, 66 पैनकार्ड,17 एटीएम कार्ड,3 पहचान पत्र,7 बैंक पासबुक,19 सिम कार्ड,6 की पैड मोबाइल,14 मुहर और एक गाड़ी बरामद की गई है


ये फर्जी  फोटो इस्तेमाल करके आईकार्ड बनाया करते थे, उसका फाइनेंस उठाते थे, और जब फाइनेंस की अगली किस्त के लिए पूछा जाता था, तो वहां का पता और वो व्यक्ति नदारद रहता था, इनके द्वारा मथुरा और हाथरस में ऐसे मामलों की सूचना मिली. इसके अतिरिक्तस ओएलएक्स पर भी ये इस प्रकार की फर्जीवाड़ा करते थे, अभी पूछताछ जारी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.


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