Cyber Fraud In Aligarh: उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में ऑनलाइन साइबर ठगी करने वाले ठगों ने ठगी का नया तरीका इजात किया है. शातिर ठग ने मनी लॉड्रिंग के चलते सीबीआई में केस दर्ज होने की शिकायत का हवाला देते हुए शराब कंपनी में तैनात महिला अधिकारी को 3 दिन तक फोन पर डिजिटल अरेस्ट रखते हुए 75 लाख रूपये की ठगी की.
साइबर ठगी करने के लिए अपनाये गए इस नए तरीके डिजिटल अरेस्ट ने अब अलीगढ़ में अपनी दस्तक दे दी है. जहां 3 महीने में महिला समेत तीन लोग साइबर ठगो के डिजिटल अरेस्ट के शिकार हो चुके हैं. जिसमे तीनों लोगों से अब तक 82 लाख रूपये की ठगी की जा चुकी है. वही महिला और दो लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने तीनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर शातिर साइबर ठगों को तलाश करते हुए मामले की जांच में जुटी है.
महिला अधिकारी ने बताई आपबीती
ऑनलाइन साइबर ठगी करने वाले साइबर ठग फोन पर महिला को डिजिटल अरेस्ट करते हुए 75 लाख रूपये की ठगी की. जहां थाना गांधीपार्क क्षेत्र के दुबे का पड़ाव मानिक चौक निवासी महिला अधिकारी कुसुम से साइबर ठगों ने तीन दिन के भीतर 75 लाख रुपये की ठगी की. बताया जा रहा है कि दुबे के पड़ाव क्षेत्र की रहने वाली महिला कुसुम हरियाणा राज्य में एक शराब कंपनी में महिला अधिकारी के रूप में तैनात है. महिला अधिकारी का आरोप है कि 8 सितंबर को उसके मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने उससे कहा आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज हुई है. आपके बैंक अकाउंट में 23 करोड़ रूपये का ट्रांजैक्शन हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत में आपके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश हुए है.
मनी लांड्रिंग के चलते सीबीआई मे केस दर्ज होने की शिकायत की बात सुनते ही महिला अधिकारी के पैरों तले जमीन खिसक गई. इस पर जब महिला अधिकारी ने मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त होने से इंकार किया. तो फोन करने वाले शातिर ने उससे कहा तुम्हारे खिलाफ सीबीआई क्राइम ब्रांच थाने में मुकदमा दर्ज है. जिसके चलते उसको डिजिटल अरेस्ट कर रहे है. अगर उसको डिजिटल अरेस्ट नहीं किया. तो पुलिस कभी भी उसको अरेस्ट करने के लिए निकल जाएगी. जिसके बाद शातिर के द्वारा उसको कुछ कागज भेजे गए. जिसमें महिला अधिकारी कुसुम को मनी लांड्रिंग केस में संलिप्त बताया. जबकि शातिर 8 सितंबर से 12 सितंबर तक महिला अधिकारी के संपर्क में रहे.
इस दौरान इन तीन दिनों मे वीडियो कॉल कट जाती. तो शातिर तत्काल उसको दोबारा वीडियो कॉल कर देते. इसके बाद उससे कहा तुम्हारे बैंक अकाउंट सभी डीटेल हैक हो गई है. जिसके चलते मैं तुम्हें ईडी का अकाउंट नंबर देता हूं, इस अकाउंट नंबर में अपने रुपये ट्रांसफर कर दो. जिसकी रसीद भी उसको मिलेगी. जब सीबीआई का केस खत्म हो जाएगा तो उसका सारा पैसा उसके पास वापस आ जाएगा.
इस पर महिला अधिकारी कुसुम ने दिए गए ईडी के अकाउंट में 15 लाख 30 हजार रूपये का ट्रांजैक्शन किया. तो उसको गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एनफोर्समेंट ऑफ़ डायरेक्टरेट के नाम से रसीद प्राप्त हुई. जिसके बाद महिला अधिकारी ने उनके अकाउंट में 75 लाख रूपये ट्रांजैक्शन कर भेज दिए. जहां शातिर ठगों ने तीन दिन तक उसको डिजिटल अरेस्ट रखते हुए उससे 75 लाख रुपये ठग लिए हैं. 75 लाख रुपये की ठगी किए जाने के बाद महिला को ठगी का एहसास हुआ.जिसके बाद ऑनलाइन साइबर ठगी करने वाले ठगों के द्वारा उसको फोन पर डिजिटल अरेस्ट करते हुए 75लाख रूपये की ठगी होने की शिकायत लेकर थाने पहुंची और उसके साथ ठगी करने वाले ठगों के खिलाफ पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित शिकायती दी. पुलिस ने महिला की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थाने पर मुकदमा दर्ज कराया है.
डिजिटल अरेस्ट के जरिए महिला अधिकारी से हुई 75 लाख रूपये की ठगी के इस पूरे मामले में एसपी क्राइम ममता सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह का मामला पुलिस की संज्ञान में आया है. महिला के साथ जो घटना हुई है.उसमें थाने पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.पुलिस के विक्टिम से बातचीत करते हुए उसके साथ हुए मामले को लेकर काउंसलिंग भी की गई है. महिला के साथ 75 लाख रुपये की ठगी की गई है. मामले में शीघ्र ही साक्ष्य संकलन करेंगे.
एसपी क्राइम ने की लोगों से सतर्क रहने की अपील
एसपी क्राइम ममता सिंह का कहना है कि ये सतर्कता और सावधानी बरतें. क्योंकि गवर्नमेंट ठगी को लेकर समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी कर रही है. ऐसे मे हमें बहुत ही अलर्ट रहने की जरूरत है. फेक कॉल आती है, ऐसे मे कोशिश करने चाहिए कि ऐसी फेक कॉल को अटेंड ना करें. फिर भी कॉल अटेंड किया है. कुछ डाउट लगता है. तो स्वयं में अपने आप में कॉन्फिडेंस रखें.मुझे डरना नहीं है.
वही ऐसे मे लोग भयभीत हो जाते है.और उनके बहकावे में आकर उनके अकाउंट में पैसो की ट्रांजैक्शन करना शुरू कर देते हैं.और उनको सही मानने लगते हैं.ऐसे मे कोशिश करना है.ऐसे फेक फोन कॉल को न उठाएं.और न अटेंड करें.कॉल को एंड कर दे, फेक नंबर को ब्लॉक कर दे.पुलिस से संपर्क कर ले. अनावश्यक कोई ट्रांजैक्शन करने से पहले आपका पुलिस से संपर्क करना जरूरी है.साथ ही अपने थाने में सूचित करें.
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