AMU की रिटायर महिला प्रोफेसर से 75 लाख रुपये की ठगी, डिजिटल अरेस्ट कर बनाया शिकार
UP News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की रिटायर महिला प्रोफेसर से 75 लाख रुपयों की ठगी मामला सामने आया है. इस मामले में साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस जांच कर रही है.
Aligarh Cyber Fraud: अलीगढ़ में साइबर ठगी के मामलों में विराम नहीं लग पा रहा है. साइबर ठग हर रोज कॉल व अन्य संचार माध्यम से आम जनता के साथ-साथ पढ़े-लिखी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. साइबर ठगी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहें लेकिन जालसाज लोगों को झांसे में डालकर अपना शिकार बना रहे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से रिटायर महिला प्रोफेसर से डिजिटल अरेस्ट करने के बाद साइबर ठगों ने 75 लाख रुपये की ठगी की घटना को अंजाम दिया है. मामले की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई गई है.
दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से सेवानिवृत 81 वर्षीय प्रोफेसर का है. जो कि दोधपुर के अपार्टमेंट में रहती हैं उनके पति का देहांत हो चुका है. उनकी देखभाल के लिए घर मे एक नौकर साथ रहता है. प्रोफ़ेसर महिला के पास एक कॉल आई जिसमें कॉल करने वाले ने उनके खाते से गलत लेनदेन की बात कहते हुए बातचीत शुरू की. ठगों ने महिला को इतना डराया की महिला अपनी जान छुड़ाने के लिए पैसे देने की बात स्वीकार कर ली. ठगों ने महिला के नाम पर मुकदमा दर्ज करने की बात करते हुए एक मुकदमे की कॉपी भी ऑनलाइन भेज दी. जब महिला डर गई तो महिला के साथ 75 लाख की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया.
यहां से शुरू हुआ रुपये लेने का खेल
एक महिला को कॉल पर रुपये ट्रांसफर कराने के लिए कहा गया. इसके बाद, उसने अपने सेंट्रल बैंक के खाते से पटना के इंडस बैंक में 37 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए. अगले दिन, महिला ने एसबीआई मेडिकल रोड जाकर भीलवाड़ा, राजस्थान के आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 25 लाख रुपये जमा किए. इस प्रक्रिया में उसे हर बार राशि प्राप्ति की रसीद दी गई. कुछ दिनों बाद, महिला ने वर्द्धमान, पश्चिम बंगाल के एक बैंक खाते में 5 लाख रुपये जमा किए. चौथी और अंतिम बार, उसने एसबीआई मेडिकल रोड से जामनगर, गुजरात के आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 8 लाख रुपये जमा किए. 7 तारीख को साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई.
साइबर थाना की टीम ने मिली जानकारी के आधार पर बैंकों को अलर्ट भेजा. जांच में पता चला कि जिन चार खातों में रुपये जमा किए गए थे, उनसे आगे 21 अन्य खातों में भी रकम ट्रांसफर की गई. ये खाते वर्द्धमान, पटना, नागौर, वायनाड, कोचीकोड, मन्नातरई, चेन्नई, जामनगर, भीलवाड़ा, गुना और तिरचल्ली जैसे विभिन्न शहरों में स्थित थे. शनिवार शाम तक 13 लाख रुपये की रकम होल्ड कर दी गई, जबकि अन्य रकम की जांच जारी है. हैकरों ने महिला के आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर उसके बैंक खातों की पूरी जानकारी हासिल की थी. यह घटना एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी का बड़ा मामला बताया जा रहा है.
मामले पर साइबर सेल प्रभारी ने क्या कहा?
पूरे मामले पर इंस्पेक्टर साइबर क्राइम सुरेंद्र सिंह कि, सेवानिवृत्ति महिला ने साइबर ठगी होने की शिकायत थाना साइबर क्राइम में दर्ज कराई है. पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आगे बताया कि, साइबर क्राइम के द्वारा इस तरह की वारदात को अंजाम दिया गया है. आम जनता को जागरूक रहने के लिए उनके द्वारा समय-समय पर जागरुका अभियान चलाए जा रहे हैं. लोगों को फर्जी कॉल से बचने के लिए उनके द्वारा विशेष तौर पर आग्रह किया जाता है. जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा ठगों के चंगुल से निकल सके.
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